बहरहाल, मुख्यमंत्री कार्यालय ने कल के इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। राज्यपाल फिलहाल राजधानी शहर से बाहर हैं। मुख्यमंत्री ने जिन मंत्रियों को हटाने की सिफारिश की है उनमें कृषि मंत्री चौआ मीन, पंचायती राज संस्थान एवं सहकारिता मंत्री कुमार वई, महिला और बाल विकास मंत्री वांगलिन लोवांगदोंग और नागर विमानन मंत्री थांगहाम वांगहाम शामिल हैं।
इस बारे में संपर्क करने पर मीन ने कहा, ‘यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह किसी मंत्री को अपने मंत्रिमंडल से हटा दे, लेकिन उन्हें कारण तो बताना चाहिए कि किस आधार पर मुझे हटाया जा रहा है। किसी का विरोध करना पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र है। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि नेतृत्व का विरोध करने वाले को हटा दिया जाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’
उन्होंने कहा, ‘पिछले एक वर्ष में कोई व्यवस्था नहीं है। राज्य की वित्तीय स्थिति खस्ताहाल है। प्रभारी मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री को राज्य की वित्तीय स्थिति के बारे में कैबिनेट के साथ चर्चा करनी चाहिए और अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से हालात को बेहतर बनाने के बारे में उनकी राय पूछनी चाहिए, लेकिन उन्होंने इस बारे में हमसे कभी मशविरा नहीं किया। केंद्र ने मेरे विभाग के लिए केंद्रीय योजनाओं के तहत 58 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी। हैरानी की बात है कि पिछले एक साल में विभाग के लिए आधा धन भी जारी नहीं किया गया, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’