राजस्थान विधानसभा में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट पेश कर रहे हैं। इस दौरान काफी हंगामे के बाद सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। दरअसल, विपक्ष ने आरोप लगाया कि सीएम अशोक गहलोत पुराना बजट पढ़ने लगे थे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने जैसे ही बजट की घोषणाएं पढ़नी शुरू कीं, भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। गहलोत ने विपक्षी सदस्यों से सब्र रखने को कहा, लेकिन विपक्ष के कुछ सदस्य हंगामा करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए।
विधानसभा में बजट 2023-24 पेश करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बावजूद 80% से अधिक जन घोषणाओं तथा बजट घोषणा बिन्दुओं में से 85% से अधिक को हमने धरातल पर उतारने का प्रयास किया है।
सीएम गहलोत ने कहा कि मनरेगा योजना में उपलब्ध 100 दिवस के रोज़गार को बढ़ाकर राज्य सरकार के खर्च पर 125 दिवस करने की घोषणा करता हूं। उन्होंने कहा कि शहरों में भी रोज़गार सुनिश्चित करने के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना लागू करने की घोषणा करता हूं। इसपर लगभग 800 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
राजस्थान के सीएम गहलोत ने कहा कि मानव त्रुटि से एक पेज लग गया था, उसी वक्त मैंने सॉरी महसूस किया जब मैंने अपने भाषण को रोका। उन्होंने कहा कि ये नई बात नहीं है जब वसुंधरा जी मुख्यमंत्री थी, कुछ आंकड़े गलत आ गए थे, उन्होंने भी संशोधन कराया था।
इस बीच भाजपा विधायक राजेंद्र राठौर ने कहा कि राजस्थान की विधानसभा आज कलंकित हुई है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जो बजट पढ़ा जाना था उसकी बजाय पूर्व के बजट का पठन करके विधानसभा को अपमानित किया गया।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के बीच तीखी नोक झोंक हुई। इसके बाद अध्यक्ष ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष के ‘‘व्यवहार से दुखी होकर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करते हैं।’’
बता दें कि मौजूदा राज्य सरकार का यह पांचवां एवं आखिरी बजट है।