सोशल मीडिया पर वायरल हुई सीसीटीवी फुटेज के जरिये देखा जा सकता है कि सबसे पहले कंवर संधू पंजाब पुलिस के पूर्व कर्मी गुरमीत सिंह पिंकी के साथ जेल के अंदर गए। गौरतलब है कि यह वही पिंकी हैं जो राज्य में आतंकवाद के दौर में कॉन्सटेबल रहे थे। फर्जी मुठभेड़ करने संबंधी विवादों के चलते पिंकी को पुलिस महकमे से निलंबित कर दिया गया था। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार राजोआणा को जब यह पता लगा कि संधू पिंकी के साथ आए हैं तो वह भड़क गया।
घटनाक्रम के अनुसार जेलकर्मी संधू को राजोआणा के बैरेक तक ले गए। कुछ देर बाद ही लोगों को वहां से भागते हुए देखा गया। कंवर संधू के हाथ में उनकी पगड़ी थी। उसके बाद संधू को जेल अधिकारियों के कमरे में ले जाया गया। राजोआणा वर्ष 1995 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का दोषी है। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार संधू पर हुए हमले का वाकया शनिवार का है। राज्य के एडीजीपी जेल आरपी मीणा ने मामले की छानबीन के आदेश दे दिए हैं। जेल में मौजूद लोगों से बातचीत और मीडिया में आई खबरों के अनुसार उस दिन राजोआणा को अपनी बहन कमलदीप कौर और उसके पति बलजीत सिंह से मिलना था लेकिन किसी प्रकार संधू और पिंकी उस समय को अपने लिए मैनेज करने में सफल रहे। जेल में पिंकी अपने मामले के सिलसिले में जेल सुपरिंटेंडेंट से बात करना चाहता था जबकि संधू राजोआणा से मिलने चले गए। उसके बाद संधू और राजोआणा के बीच गर्म बहस सुनाई दी। जेल स्टाफ उस ओर भागा। सूत्रों का कहना है कि बलजीत (राजोआणा के जीजा) वेटिंग रूम में इंतजार कर रहे थे और पिंकी जगमेल सिंह के कमरे में था। राजोआणा को आपत्ति थी कि संधू केवल पिंकी के बताए अनुसार उसपर झूठे आरोप लगा रहे हैं। जब राजोआणा को यह पता लगा कि संधू जेल में पिंकी के साथ ही आए हैं तो वह आपे से बाहर हो गया राजोआणा ने उन पर हमला कर दिया।
अपने फेसबुक पेज पर संधू ने इस बात से इनकार किया है कि जेल में उनके और राजोआणा के बीच कोई हाथापाई हुई है। उनका कहना है कि यह केवल गर्म बहस थी, बाकि सब अफवाहें हैं।