सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें तमिलनाडु सरकार को राज्य में चलने वाली शराब की दुकानें बंद करने के लिए कहा गया था। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद तमिलनाडु में एक बार फिर से शराब की दुकानें खुल सकती हैं। जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने सरकारी फर्म तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (टीएसएम) की अपील पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के आठ मई के आदेश पर रोक लगाई।
दी थी फैसले को चुनौती
राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता योगेश कन्ना ने बताया कि इस अपील पर पीठ ने राज्य में शराब की दुकानें बंद करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किए हैं। तमिलनाडु सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि दुकानों के बंद करने से उसे राजस्व का "भारी नुकसान" हो रहा है। राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि हाईकोर्ट अपने न्यायिक अधिकार का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
गाइडलाइंस के उल्लंघन का किया था जिक्र
मद्रास हाई कोर्ट ने 8 मई के अपने फैसले में कोरोनावायरस गाइडलाइंस के उल्लंघन का जिक्र करते हुए शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाई थी। हाई कोर्ट का कहना था कि दुकानों पर भारी भीड़ जमा हो रही है जिसकी वजह से Social Distancing का पालन नहीं हो पा रहा है। हालांकि मद्रास हाईकोर्ट ने शराब की ऑनलाइन डिलीवरी की इजाजत जरूर दे रखी थी।