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शिरोमणि अकाली दल ने विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले की निंदा की, दिलाता है इमरजेंसी की याद

शिरोमणि अकाली दल ने अपने विधायक के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मामलों की निंदा करते हुए कहा है कि पूर्व...
शिरोमणि अकाली दल ने  विधायकों के खिलाफ दर्ज  मामले की निंदा की, दिलाता है इमरजेंसी की याद

शिरोमणि अकाली दल ने अपने विधायक के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मामलों की निंदा करते हुए कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गई इमरजेंसी की कार्रवाई के दौरान भी ऐसा ही किया गया था। साथ ही पंजाब विधानसभा के स्पीकर ने पंजाब के विधायकों वाली जगह हरियाणा के लिए छोड़ने के लिए निंदा की है।

पूर्व मंत्री डा दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने शांतिपूर्ण विरोध करने के लिए 323 जैसी धाराओं का सहारा लेकर उन्हे आहत किया है।

यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए कि 323 जैसी धाराएं लगाकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने विधायक दल के सदस्यों के लिए 323 जैसी धाराएं लगाकर भावनाएं आहत हुई हैं।

मजीठिया ने कहा कि हमने पंजाब के विधायकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली  जगह पर विरोध प्रदर्शन किया। हमने कभी भी हरियाणा विधानसभा परिसर में प्रवेश तक नही किया। उन्होने कहा कि जहां तक हरियाणा विधानस्भा स्पीकर की शिकायत है अकाली विधायकों ने मुख्यमंत्री का रास्ता रोककर काले झंडे दिखाए थे। उन्होेने पूछा कि क्या लोकतंत्र में शातिपूर्ण विरोध में काले झंडे दिखाना अपराध है?

मजीठिया ने कहा कि अकाली विधायकों ने हरियाणा सरकार द्वारा किसानों के साथ साथ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर किए गए अत्याचारों को उजागर करने के लिए प्रदर्शन किया था। उन्हेने कहा कि दिल्ली के शातिपूर्ण मार्च में रबर के छर्रों, आंसू गैस तथा पानी की तोपों का इस्तेमाल किया गया था। उन्होने कहा कि यहां तक कि सिख युवाओं के धार्मिक चिन्होे का अपमान किया गया था।उन्होने कहा कि हिरास्त में मानवाधिकार कार्यकर्ता नौदीपकौर तथा शिव कुमार को प्रताड़ित किया गया था। हमने पहले भी हरियाणा सरकार की निंदा करते हुए विधानसभा में एक प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी तथा मानवता के खिलाफ इन अपराधों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

पूर्व मंत्री ने पंजाब के स्पीकर राणा के पी सिंह द्वारा विधानसभा परिसर में पंजाब के विधायकों द्वारा हरियाणा द्वारा इस्तेमाल किए जाने की भी निंदा करते हुए कहा कि यह कांग्रेस सरकार द्वारा भाजपा के साथ खेला गया निश्चित मैच का स्पष्ट प्रमाण है। यह बताते हुए कि पंजाब अध्यक्ष को इस तरह से पंजाब के अधिकारों को दूर करने का कोई अधिकार नही है। उन्होने कहा कि लोग राणा के पी सिंह को इस अधिनियम में लिप्त होने के लिए कभी माफ नही करेंगे।

मजीठिया ने घोषणा की कि अकाली दल लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए जाना जाता है तथा इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के दौरान भी ऐसा  ही किया था। उन्होने कहा कि हरियाणा सरकार को किसानों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा सिख नौजवानों का दमन करेने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

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