शनिवार शाम गुड़गांव सेक्टर 29 के ओपन थियेटर में पाकिस्तानी रंगकर्मियों के नाटक बांझ का मंचन जैसे ही शुरू हुआ, खुद को शिवसेना कार्यकर्ता बताने वाले पांच-छह लोग थियेटर में घुसे और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मंच पर चढ़ गए। इस दौरान नाटक के लिए मंच पर लगे पाकिस्तान के झंडे भी गिरा दिए। लेकिन इस हंगामेबाजी के विरोध में दर्शकों के आगे आने जाने से हुड़दंगियों को वहां से खिसकना पड़ा।
ड़गांव नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी सतबीर रोहिल्ला ने बताया, करीब पांच-दस मिनट तक शो को बाधित किया। आयोजकों का कहना है कि नाटक में हंगामे की आशंका के मद्देनजर पुलिस को कार्यक्रम की सूचना पहले ही दे दी गई थी, लेकिन हैरानी की बात है कि कार्यक्रम के दौरान पुलिस मौजूद नहीं थी।
कुछ दिन पहले मुंबई में शिवसेना ने गजल गायक गुलाम अली के कार्यक्रम को रद्द करने पर मजबूर कर दिया था। इसके बाद शिवसैनिकों ने पीसीबी के विरोध में बीसीसीआई के दफ्तर में घुसकर हंगामा किया था। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विरोध में सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर भी कालिख पोतने वाले शिवसैनिकों की कोशिश गुडगांव में कामयाब नहीं हो पाई है।