उत्तर प्रदेश के संबल शहर में सरकारी अस्पताल द्वारा एंबुलेंस देने से इनकार करने पर एक व्यक्ति को अपने रिश्तेदार के शव को कंधे पर लाद कर ले जाना पड़ा। बाद में परिवार के सदस्य शव को अंतिम संस्कार के लिए मोटरसाइकिल से अपने घर ले गए। इस बीच जिला मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
पुलिस के अनुसार दो दिन पहले एक लड़का खेत में अपने दादा की मदद कर रहा था। इसी दौरान वह घायल हो गया। इसके बाद उसे स्थानीय अस्पताल में लाया गया पर यहां आने से पहले ही वह दम तोड़ चुका था। अस्पताल प्रशासन ने कथित तौर पर रिश्तेदारों को शव को लेकर वहां से तत्काल चले जाने के लिए कहा।
एक रिश्तेदार ने बताया कि डॉक्टरों ने जैसे ही लड़के को देखा उन्होंने हमें जाने के लिए कहा। हमें शव को कंधे पर ले जाना पड़ा क्योंकि अस्पताल ने न तो स्ट्रेचर उपलब्ध कराया न ही एंबुलेंस। बाद में हम शव को मोटरसाइकिल से ले गए क्योंकि अस्पतार प्रशासन ने हमें कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया।
दूसरी ओर, अस्पताल प्रशासन ने आरोपों का यह कहते हुए गलत बताया है कि लड़के के परिवार ने औपचारिकताएं पूरी नहीं की थी और वे हमें बिना बताए चले गए। डॉ. अमृता सिंह ने कहा कि मुझे बताया गया था कि लड़का अस्पताल में मरने के बाद लाया गया था। अस्पताल प्रशासन ने जबतक पुलिस को इसकी सूचना दी तबतक रिश्तेदार शव को लेकर वहां से चले गए। अगर वे हमें जानकारी देते तो हम उन्हें एंबुलेंस अवश्य उपलब्ध कराते।