मशहूर आध्यात्मिक गुरू भैय्यू जी महाराज ने मंगलवार को अपने घर में कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्हें इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने सुसाइड नोट और पिस्टल बरामद किया है। पुलिस ने कहा है कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट में उन्होंने मानसिक तनाव का जिक्र किया है लेकिन तनाव का कारण अभी नहीं पता चला है।
Visuals from Bhayyuji Maharaj's residence in Indore. DIG Harinarayanchari Mishra says, 'we have seized the suicide note. In the suicide note, he has mentioned mental tension but the reason for the tension is not known as yet. We are investigating the case.' #MadhyaPradesh pic.twitter.com/f6gyHeKDVz
— ANI (@ANI) June 12, 2018
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने भैय्यू जी महाराज को राज्य मंत्री का दर्जा दिया था। घटना पर शोक जताते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा संत भय्यूजी महाराज को मेरी श्रद्धांजलि। देश ने ऐसे व्यक्ति को खो दिया, जो संस्कृति, ज्ञान और नि:स्वार्थ सेवा का संगम था।
वहीं, कांग्रेस ने आत्महत्या की घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने आरोप लगाया, 'मध्य प्रदेश सरकार ने उनसे सुविधाएं लेने और सरकार का समर्थन करने का दबाव बनाया। उन पर बहुत मानसिक दबाव था। मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।'
#MadhyaPradesh government had put pressure on him to accept privileges & support the government, which he refused to do. He was under a lot of mental pressure. CBI probe should be done: Manak Agarwal, Congress on Bhayyuji Maharaj's alleged suicide pic.twitter.com/DhYJd2g8qY
— ANI (@ANI) June 12, 2018
भय्यू जी महाराज के बारे में
महाराष्ट्रियन समाज के बीच भैय्यू जी काफी लोकप्रिय थे। करीब 50 साल के मशहूर भय्यूजी महाराज को मॉडर्न और राष्ट्रीय संत माना जाता है। उन्होंने मॉडलिंग से करियर की शुरुआत की थी।
1968 को जन्मे भय्यू महाराज का असली नाम उदयसिंह देशमुख था। वे शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे।
कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए एेड के लिए मॉडलिंग कर चुके भय्यू महाराज गृहस्थ संत थे। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके ही देखरेख में चलता था। उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है। पिछले साल उन्होंने दूसरी शादी की थी।
रसूखदार लोगों से रहा नाता
वे चर्चा में तब आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने अपना दूत बनाकर भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था।
पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज आमंत्रित किया था। पूर्व प्रेसिडेंट प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी उनके आश्रम आ चुके हैं।
रॉलेक्स घड़ियों के शौकीन भय्यू जी महाराज प्रवचन देते थे, लेख और कविताएं लिखते थे, गाने और भजन गाते थे। खबरों के मुताबिक, वे स्कॉलरशिप बांटते थे, कैदियों के बच्चों को पढ़ाते थे, किसानों को खाद-बीज मुफ्त बांटते थे, गांवों में तालाब खुदवाते थे, पौधारोपण करवाते थे, बीमारों के लिए इलाज का इंतजाम करते हैं, सामूहिक विवाह करवाते थे।