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यहां टीकाकरण नहीं कराने वालों को नहीं मिलेगा राशन, न होगी ईंधन की आपूर्ति, कर्मचारियों को वेतन भी नहीं देने का फैसला

देश में कोविड महामारी के मामलों में उतार चढ़ाव जारी है। इस बीच टीकाकरण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।...
यहां टीकाकरण नहीं कराने वालों को नहीं मिलेगा राशन, न होगी ईंधन की आपूर्ति, कर्मचारियों को वेतन भी नहीं देने का फैसला

देश में कोविड महामारी के मामलों में उतार चढ़ाव जारी है। इस बीच टीकाकरण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। लेकिन कई जगह टीकाकरण में और तेजी लाने के लिए तरह तरह के उपाय तक करने पड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में ठाणे महानगरपालिका (टीएमसी) ने कोविड-19 रोधी टीकों की एक भी खुराक नहीं लेने वाले अपने कर्मचारियों को वेतन न देने का फैसला किया है। वहीं महाराष्ट्र में ही औरगांबाद जिला प्रशासन ने राशन की दुकानों, गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों को केवल उन नागरिकों को किराने का सामान और ईंधन की आपूर्ति करने के लिए कहा है, जिन्होंने कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक ली है।

टीएमसी की ओर से सोमवार देर रात जारी की गई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, नगर निकाय के जिन कर्मचारियों ने टीके की पहली खुराक भी नहीं ली है, उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा। दूसरी खुराक लेने के पात्र होने के बावजूद टीका न लगवाने वाले कर्मचारियों को भी वेतन नहीं दिया जाएगा।

टीएमसी ने सभी नगर निकाय कर्मचारियों के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र अपने संबंधित कार्यालयों में जमा करना भी अनिवार्य कर दिया है।

म्हास्के ने कहा कि शहर में इस महीने के अंत तक शत प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। शत प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मंगलवार से व्यापक टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।

महापौर ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लोगों से सहयोग की अपील की। इस अभियान के तहत, ‘हर घर दस्तक’ कार्यक्रम भी चलाया जाएगा, जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारी, आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ता और नर्स घर-घर जाकर लोगों को टीके लगाएंगे। इसके लिए 167 दलों का गठन किया गया है।

वहीं महाराष्ट्र में औरगांबाद जिला प्रशासन ने राशन की दुकानों, गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों को केवल उन नागरिकों को किराने का सामान और ईंधन की आपूर्ति करने के लिए कहा है, जिन्होंने कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक ली है।

अधिकारियों ने बताया कि औरंगाबाद राज्य के 36 जिलों में टीकाकरण के लिहाज़ से 26वें स्थान पर है। अधिकारियों ने बताया कि जिले में 55 प्रतिशत पात्र लोगों का टीकाकरण किया गया है जबकि राज्य में 74 फीसदी लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार रात जारी आदेश में औरंगाबाद के कलेक्टर सुनील चव्हाण ने उचित मूल्य की दुकानों, गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों के अधिकारियों को ग्राहकों के टीकाकरण प्रमाण पत्र को देखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगर आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो प्रशासन संबंधित लोगों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा।

कलेक्टर ने हाल ही में यह भी आदेश दिया था कि जिन लोगों ने कोविड रोधी टीके की एक भी खुराक नहीं ली है, उन्हें औरंगाबाद के ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।


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