रिम्स ( राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) रांची में तीस से पचास हजार रुपये लेकर भर्ती कराने वाले तीन दलाल पकड़े गये हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में जब सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, दवाओं का अभाव है। दलाल सक्रिय हो गये। मरीजों की मजबूरी को अवसर के रूप में देखने लगे।
प्रदेश के सबसे बड़ सरकारी अस्पताल रिम्स ( राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) रांची में भर्ती कराने और ऑक्सीजन बेड के लिए तीस तथा वेंटीलेटर के लिए पचास हजार रुपये वसूल रहे थे। खबर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने संज्ञान लेते हुए मंगलवार को ट्वीट कर प्रशासन को कार्रवाई का निर्देश दिया तो आनन फानन प्रशासन सक्रिय हुआ तो तीन लोगों को पुलिस ने धर दबोचा। ये अपने को रिम्स का कर्मचारी बताकर वसूली कर रहे थे। इसमें एक चाउमिन बेचने वाला बिट्टू, दूसरा रिम्स के करीब के जोड़ा का रहने वाला रियाज आलम और पवन कुमार सिंह है। पवन ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि पहले भी उसने मरीजों से पैसे लेकर बेड उपलब्ध कराया है। इनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। रिम्स, इसके ब्लड बैंक और ट्रॉमा सेंटर में ऐसे दलालों की सक्रियता लंबे समय से है।