उत्तर प्रदेश में शिकोहाबाद-कासगंज पैसेंजर ट्रेन में यात्रा कर रहे एक परिवार के 10 लोगों पर हमले और लूटपाट की घटना हुई है। बेरहमी का आलम यह था कि हमलावरों ने महिलाओं और बुजुर्गों के साथ ही चलने-फिरने से मजबूर एक दिव्यांग को भी नहीं छोड़ा। उसे भी अपना शिकार बनाया। समाचार चैनल टाइम्स नाउ के मुताबिक पीड़ित फर्रुखाबाद के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। परिवार के एक सदस्य ने कहा, “हम पर इसलिए हमला हुआ क्योंकि हमारे कपड़े और पहचान उनसे अलग नजर आ रही थी।”
पुलिस के मुताबिक, परिवार के आठ सदस्य इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। इस सिलसिले में अभी तक तीन लोगों से पूछताछ हुई है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
क्या था मामला?
पीड़ित मोहम्मद शाकिर (50 साल) ने चैनल को बताया कि वे भोगांव के पास ट्रेन में चढ़े। ट्रेन ने सिर्फ चार किमी. की ही दूरी तय की होगी तभी एक व्यक्ति ने उसके दिव्यांग बेटे फैजान का फोन छीन लिया। फोन छीनने का फैजान ने विरोध किया तो उन लोगों ने मारपीट शुरू कर दी।
रॉड से किया हमला
शाकिर ने चैनल को बताया, “निबाकरोरी स्टेशन पर जब ट्रेन रुकने वाली थी उससे कुछ पहले इन लोगों ने चेन खींच दी। इसके बाद कुछ और लड़के रॉड लेकर घुस गए और एक साथ हम पर हमला कर दिया।”
महिलाओं को भी नहीं बख्शा
खबर के मुताबिक परिवार की महिलाओं और फैजान को भी भीड़ ने गालियां दी। 10 लोगों में से चार को फ्रैक्चर हुआ है वहीं लगभग सभी सदस्यों को सिर और पेट में गंभीर चोटें लगी हैं।
पुलिस ने की एफआईआर दर्ज
मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस अधिकारी ने चैनल को बताया कि ऐसा लग रहा है जैसे पीड़ित महिलाओं को प्रताड़ित किया गया है। उनके शरीर पर चोट के निशान हैं और साथ ही कपड़े भी फटे हुए हैं। फिलहाल वो लोग ज्यादा कुछ कहने की हालत में नहीं हैं।