हरियाणा सरकार ने एडिशनल चीफ सेक्रेट्री (पर्यटन) वीरेंद्र कुंडू का तबादला बतौर एडिशनल चीफ सेक्रेट्री (विज्ञान एवं तकनीक) कर दिया गया है। इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है। माना जाता है कि यह विभाग अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण विभाग है।
ऐसे तो प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला करना सरकार का अधिकार और सामान्य प्रक्रिया है लेकिन हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद यह कहा जा रहा है कि अपनी बेटी वर्णिका कुंडू को न्याय दिलाने के लिए हरियाणा भाजपा प्रमुख सुभाष बराला के खिलाफ कुंडू का खड़ा होना तबादले का कारण हो सकता है।
दरअसल हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उसके दोस्त आशीष कुमार को पुलिस ने वर्णिका कुंडू का पीछा करके किडनेप करने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले से हरियाणा की सियासत में काफी गहमागहमी रही।
कुंडू के तबादले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “अपनी बेटी वर्णिका कुंडू के न्याय के लिए भाजपा के खिलाफ उतरने की अधिकारी को सजा दी गई है।”
V.S.Kundu gets sidelined.
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) 12 September 2017
Punished for standing upto BJP in quest for justice for his daughter, Varnika Kundu? pic.twitter.com/NDiG6PyHO8
वहीं इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वीरेन्द्र कुंडू ने कहा, “यह सरकार पर निर्भर करता है कि मेरी क्षमताओं को देखते है मुझे कहां नियुक्त करती है। मुझे इसमें कोई दिक्कत नहीं है। मैंने कभी भी मेरे ट्रांसफर ऑर्डर रुकवाने की कोशिश नहीं की।”
गौरतलब है कि चंडीगढ़ की एक अदालत ने हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है।