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विवेक जौहरी मध्यप्रदेश के नए डीजीपी, आखिरकार वी के सिंह को कमलनाथ ने हटाया

मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उथल-पुथल के बीच गुरुवार को 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेक जौहरी को नया...
विवेक जौहरी मध्यप्रदेश के  नए डीजीपी, आखिरकार वी के सिंह को कमलनाथ ने हटाया

मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उथल-पुथल के बीच गुरुवार को 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेक जौहरी को नया डीजीपी बनाया गया है। अभी वे बीएसएफ के डीजी हैं जबकि वर्तमान डीजीपी वी के सिंह को खेल एवं युवा कल्याण विभाग में संचालक की जिम्मेदारी दी गई है। कमलनाथ सरकार के एक साल के कार्यकाल में पद से हटाए जाने वाले वे दूसरे डीजीपी बन गए हैं। इससे पहले डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को हटा दिया था, जिन्हें बाद में सीबीआई का प्रमुख बनाया गया। विवेक जौहरी  के कार्यभार संभालने तक डीजी सायबर सेल राजेंद्र कुमार प्रभारी डीजीपी रहेंगे।

डीजीपी वी के सिंह की सरकार से तनातनी काफी दिनों से चल रही थी और मुख्यमंत्री कमलनाथ उन्हें हटाने का मन बना चुके थे। लेकिन यूपीएससी से नए डीजीपी के तीन नामों का पैनल मंजूर नहीं होने से मामला लंबित था। सरकार आईपीएस अधिकारी मैथलीशरण गुप्त को डीजीपी नहीं बनाना चाहती थी। विवेक जौहरी की डीजीपी के लिए लिखित सहमति नहीं थी लेकिन सरकार ने बगैर सहमति के उन्हें डीजीपी बना दिया है, इससे मामला फंसने की संभावना जताई जा रही हैं। हनी ट्रैप मामले में मंशा के अनुरूप जांच नहीं होने और अपने स्तर से एसआईटी गठित कर देने सरकार वी के सिंह से नाराज हुई , फिर कमिश्नर प्रणाली और राजगढ़ कलेक्टर की जांच एक डीएसपी से कराने से आईएएस लॉबी डीजीपी को हटाने के लिए दबाव बना रही थी, ऐसे में राज्य में चल रहे सियासी ड्रामा ने आग में घी का काम किया।

विधायक घटनाक्रम का नहीं मिला इनपुट

कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के गुड़गांव चले जाने के घटनाक्रम में पुलिस का पुख्ता इनपुट सरकार को नहीं मिल पाया। कहा जा रहा है कि राजगढ़ मामले में आईएएस और आईपीएस में टकराव के बाद उनकी छवि खराब हुई। राजगढ़ जिले के ब्यावरा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में एक रैली निकाली गई, जिससे कलेक्टर निधि निवेदिता ने कथित तौर पर एक सहायक सब इस्पेक्टर को थप्पड़ जड़ दिया था। आइएएस लॉबी ने कलेक्टर का समर्थन किया, लेकिन डीजीपी सिंह ने डीएसपी से जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करने को कहा था। रिपोर्ट में कलेक्टर को दोषी पाया गया और रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दी गई थी। इससे आईएएस अधिकारी नाराज हो गए और वे मुख्यमंत्री कमलनाथ पर डीजीपी सिंह को हटाने का दबाव बना रहे थे। विवेक  जौहरी मूल रूप से भोपाल के रहने वाले हैं और एमएसीटी भोपाल से पासआउट हैं। जौहरी खुफिया एजेंसी रॉ में विशेष सचिव के पद पर भी रह चुके हैं।

हटाए जाने की ये रहीं तीन बड़ी वजह

पहला, राजगढ़ कलेक्टर थप्पड़ कांड में कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई को लेकर लिखे डीजीपी के पत्र से सीएम नाराज थे। कलेक्टर पर लगे आरोपों की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी से कराई गई। मुख्य सचिव से इस मामले में बात नहीं की गई। दूसरे,एसआईटी चीफ नियुक्ति विवाद हनी ट्रैप मामले की जांच के लिए डीजीपी ने सरकार को भरोसे में लिए बिना एसआईटी चीफ बना दिया था। सरकार ने 48 घंटे में एसआईटी चीफ बदला। तीसरे, पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच खींचतान सामने आई। आखिरी मौके पर सीएम ने इससे किनारा कर लिया था।

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