पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी के जवाब में भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नीलम घाटी स्थित तीन आतंकी शिविरों और पाक सेना के कई ठिकानों पर भीषण हमला किया, जिसमें छह से दस पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई और बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए। भारतीय सेना की इस कार्रवाई को इसी साल फरवरी में बालाकोट हमले के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई बताया जा रहा है। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि हम आतंकवादी शिविरों को बिल्कुल बर्बाद कर देंगे।
‘अगर ये नहीं बाज आए, तो हम अंदर घुस के मारेंगे’
सत्यपाल मलिक ने सोमवार को कहा कि आतंकी ठिकानों को हम बिल्कुल बर्बाद कर देंगे और अगर ये नहीं बाज आए तो हम अंदर जाएंगे। उन्होंने कहा कि युद्ध एक बुरी चीज है और पाकिस्तान को पता होना चाहिए कि उसे कैसे व्यवहार करना है। अगर पाकिस्तान नहीं सुधरेगा तो हम कल जैसी कार्रवाई करेंगे।
आतंकियों के बुनियादी ढांचे को जवाबी कार्रवाई में खासा नुकसान पहुंचा
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रविवार को नई दिल्ली के में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि भारतीय सैनिकों की कार्रवाई में एक अन्य आतंकी शिविर को गंभीर नुकसान पहुंचा है। साथ ही, नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को जवाबी कार्रवाई में खासा नुकसान पहुंचा है।
आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया- सेना प्रमुख
एक सवाल का जवाब देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि सुरक्षाबलों ने अथमुकाम, कुडल शाही और जुरा में आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया और सेना के पास लीपा घाटी में एक कैंप के बारे में भी सूचना थी। उन्होंने कहा, 'इन कैंपों के बारे में हमारे पास सूचना थी जिसे हमने निशाना बनाया और उनका समर्थन करने वाले लोग, पाकिस्तानी चौकियां भी हमारी जवाबी कार्रवाई की जद में आए’।
सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान अगर ऐसी गतिविधियां जारी रखेगा तो भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई से नहीं हिचकिचाएगी। जनरल रावत ने कहा कि हाल में सेना को सूचना मिली थी कि आतंकवादी अग्रिम इलाके में कैंप के करीब आ रहे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले एक महीने में गुरेज, केरन, माचिल सेक्टरों और पीर पंजाल के दक्षिण में बार-बार घुसपैठ की कोशिशें की गईं। पाकिस्तानी सैनिक आतंकवादियों को घुसपैठ कराने के लिए संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहे थे।
‘हमारे सुरक्षाबलों ने आतंकियों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया’
जरनल रावत ने कहा कि सेना को मिली ठोस सूचना के बाद सीमा पार आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। सेना प्रमुख ने कहा, 'वे घुसपैठ करने का प्रयास करते इससे पहले ही हमने आतंकी कैंपों को निशाना बनाने का फैसला किया। हमारे पास ठोस सूचना थी और जवाबी कार्रवाई में हमारे सुरक्षाबलों ने (एलओसी के) उस पार आतंकियों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया’। जवाबी कार्रवाई पर सेना प्रमुख ने कहा कि अब दूसरी तरफ खामोशी छाई है क्योंकि एलओसी के पार से हमें मोबाइल संचार के संकेत नहीं मिले हैं। इसका तात्पर्य हताहत, नुकसान से है, पाकिस्तान सेना इसे सामने नहीं लाना चाहती।