पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को गुरुवार को सीलतकूची में काले झंडे दिखाए गए। वह चुनाव के बाद हुई हिंसा से प्रभावित लोगों से मिलने गए थे। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धनखड़ के कूचबिहार दौरे की निंदा की थी। राज्यपाल को कुछ लोगों ने गोलोकगंज में उस समय काले झंडे दिखाए जब उनका काफिला मथभंगा से सीतलकूची जा रहा था। हालांकि, पुलिस ने सड़क के दोनों ओर मानवश्रृंखला बना रखी थी ताकि कोई प्रदर्शनकारी सड़क पर नहीं आ सके।
विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान 10 अप्रैल को केंद्रीय अर्धसैनिकों बलों की गोली से जोरपातकी में चार लोगों की मौत हुई थी, वहां पर भी राज्यपाल के दौरे की आलोचना करने वाले पोस्टर दिखाई दिए। सीतलकूची में पहली बार मतदान करने आए एक मतदाता की मौत मतदान केंद्र पर कतार में खड़े होने के समय हो गई थी।
राज्यपाल धनखड़ उत्तरी बंगाल के कूचबिहार जिले में मथभंगा और सीतलकूची गए और उन लोगों से मुलाकात की जिन्होंने दावा किया कि दो मई को चुनाव नतीजे आने के बाद टीएमसी के समर्थक गुंडों ने उन पर हमला किया था। दौरे के दौरान कुछ महिलाओं को राोते और राज्यपाल के चरणों पर गिरते देखा गया जिन्होंने आरोप लगाया कि उनका सामान लूट लिया गया और पुरुषों को जान बचाने के लिए घर से भागना पड़ा है।
राज्यपाल ने कहा कि यह कानून के शासन का पतन है। मैं इसकी कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था। मैंने लोगों की आंखों में पुलिस का खौफ देखा है, वे पुलिस के पास जाने से डरते हैं, उनके घर लूटे गए। मैं वास्तव में हैरान हूं, यह लोकतंत्र का विनाश है। उन्होंने कहा कि लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और जंगलों में रह रहे हैं। महिलाएं मुझसे कहती हैं कि वे (गुंडे) एक बार फिर वहां आएंगे और राज्यपाल के सामने सुरक्षा की ऐसी विफलता है। मैं इस पर हैरान हूं। मैं कल्पना कर सकता हूं कि यहां के लोगों को क्या करना चाहिए।
बीजेपी सांसद निसिथ प्रमाणिक दौरे के दौरान धनखड़ के साथ थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि लूटपाट और हमले को तृणमूल समर्थक गुंड़ों ने अंजाम दिया है। टीएमसीस प्रवक्ता कुणाल घोष ने राज्यपाल पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि वह चुनिंदा भाजपा कार्यकर्ताओं के घर गए। धनखड़ भाजपा की ओर से काम कर रहे हैं।