पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में अपना पूर्ण 'काम बंद' जारी रखा। वे आरजी कर अस्पताल में बलात्कार-हत्या की शिकार हुई अपनी सहकर्मी के लिए न्याय और चिकित्सा सुविधाओं में सुरक्षा उपायों में सुधार की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों में से एक ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हम अपने अगले कदम पर निर्णय लेने के लिए आपस में एक शासी निकाय की बैठक कर रहे हैं। लेकिन हम पश्चिम बंगाल के सभी अस्पतालों में सुरक्षा की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।"
एक दिन पहले ही कुछ वरिष्ठ चिकित्सकों ने उनसे आम मरीजों की परेशानियों के मद्देनजर अपना पूर्ण 'काम बंद' खत्म करने का अनुरोध किया था।
गवर्निंग बॉडी की बैठक गुरुवार को रात 8 बजे शुरू हुई और शुक्रवार सुबह तक जारी रही, तथा अभी तक कोई निर्णय घोषित नहीं किया गया।
पिछले सप्ताह राज्य द्वारा संचालित कॉलेज ऑफ मेडिसिन एवं सागर दत्ता अस्पताल में एक मरीज के परिवार द्वारा चिकित्सकों पर किए गए हमले के बाद जूनियर डॉक्टरों ने 1 अक्टूबर को अपना 'काम बंद' फिर से शुरू कर दिया था।
इससे पहले, 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक साथी चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के बाद जूनियर डॉक्टरों ने 42 दिनों तक पूर्ण रूप से काम बंद रखा था।
राज्य के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्होंने 21 सितंबर को अपनी हड़ताल समाप्त कर दी तथा सुरक्षा और कुशल स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आवश्यक सेवाएं पुनः शुरू कर दीं।