दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में बुधवार को नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला जब आप के 45 विधायकों ने मोहल्ला क्लीनिक फाइल को मंजूरी दिए जाने की मांग करते हुए वहां देर शाम तक सात घंटों तक डेरा डाले रखा। उपराज्यपाल ने इसे एक संवैधानिक पदाधिकारी के कार्यालय का घेराव करार दिया। राजनिवास ने विधायकों के इस व्यवहार को लेकर नाराजगी जाहिर की। उपराज्यपाल ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा ऐसा व्यवहार अनुचित है।
राजनिवास ने एक बयान में कहा कि आम आदमी पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज और चार अन्य विधायकों को मिलने के लिए समय दिया गया था। व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद एलजी विधायकों से मिलने को सहमत हो गए। लेकिन भारद्वाज के नेतृत्व में करीब 45 विधायक राज निवास आ गए और बैजल से मिलने की मांग करने लगे।
सरकार का कहना है कि मोहल्ला क्लीनिक को लेकर झूठी शिकायतें की गईं और विपक्ष के कुछ नेताओं की ओर से सौंपी गई शिकायत के आधार पर विजिलेंस डिपार्टमेंट ने ऑब्जेक्शन लगाए। इन शिकायतों में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसके आधार पर मोहल्ला क्लीनिक के प्रोजेक्ट को रोका जा सकता हो।
सरकार का कहना है कि मोहल्ला क्लीनिक के प्रोजेक्ट को देश-विदेश में सराहा गया है लेकिन इसके बाद भी इस प्रोजेक्ट की राह में रोड़े अटकाए जा रहे हैं।
क्या है मोहल्ला क्लीनिक का पूरा मामला-
- दिल्ली में 1000 मोहल्ला क्लीनिक पोर्टा केबिन बनने हैं।
- 9 जनवरी 2017 को कैबिनेट ने पोर्टा केबिन की मंजूरीदी थी।
- दिसंबर 2016 में बने पोर्टा केबिन पर सतर्कता विभाग ने आपत्ति जताई थी।
- इस साल मई महीने में सैद्धांतिक मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास सरकार ने फाइल भेजी।
- इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने मोहल्ला क्लीनिक योजना पर सवाल खड़े करते हुए उपराज्यपाल से शिकायत की।
- उपराज्यपाल ने संबंधित फाइल जांच के लिए विजिलेंस विभाग के पास भेजी।
- विजिलेंस विभाग ने डेढ़ महीने तक फाइल अपने पास रखा।
- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जिनके अधीन विजिलेंस विभाग भी आता है उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक योजना की फाइल को जल्द मंजूरी देने के आदेश दिए।
- सरकार के अनुसार, उपराज्यपाल ने विजिलेंस विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया कि वह फाइल मंत्री के पास नहीं भेजे।
- विजिलेंस विभाग ने करीब एक महीने पहले फाइल उपराज्यपाल के पास भेज दी।
- पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल से मोहल्ला क्लीनिक योजना की फाइल मंजूरी करने का निवेदन किया तो उन्होंने कुछ और जानकारी मांगने के लिए फाइल लौटा दी।
- उपराज्यपाल कार्यालय का दावा है कि फाइल अब तक सरकार के ही पास है
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी ने कहा कि कुछ फाइलें अधिकारियों, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कारण रूकी हैं। मोहल्ला क्लीनिक की फाइल अब भी घूम रही है। यह फाइल विजिलेंस डिपार्टमेंट के पास है।