प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में बताया कि यह पहली गर्मी होगी जब गांवों में 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 20 और जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे बिजली आएगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने भी ऐसे रोस्टर जारी किए थे। मगर यह रोस्टर मात्र किताबों तक या शक्ति भवन (विद्युत विभाग मुख्यालय) तक ही सीमित रहता था।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बिजली आपूर्ति को लेकर हाल में किए गए ट्वीट का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा हमारा कहना है कि आपके (अखिलेश) आदेश मुख्यमंत्री आवास और वीआईपी इलाकों तक ही सीमित थे। जनता तक इनका क्रियान्वयन नहीं होता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनिश्चित किया है कि इस सरकार की नजर में गांव में रहने वाले गरीब लोग वीआईपी हैं।
उन्होंने कहा हमने सुनिश्चित किया कि रोस्टर का क्रियान्वयन हो। अगर कोताही हुई तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बिजली आपूर्ति के मामले में हमेशा से ग्रामीण अंचल की उपेक्षा होती थी। प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह संकल्पबद्ध हैं। हम अक्तूबर 2018 तक पूरे प्रदेश को 24 घंटे बिजली देने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।
शर्मा ने बताया कि अब किसानों के नलकूपों से संबंधित बिजली टांसफार्मर खराब होने पर 72 घंटे के बजाय 48 घंटे में बदले जाएंगे। शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे में टांसफार्मर बदला जाएगा। उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग के लोग अब गांवों में दिखने चाहिए। खेतों पर घूमते हुए दिखने चाहिए। (एजेंसी)