गोरखपुर दंगा मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि क्या योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा चलाया जाए। इसके जवाब में यूपी सरकार ने मुकदमा चलाने से मना कर दिया है। पिछली दोनों सरकार के पास इस मामले को लेकर केस फाइल गई थी, जिसमें योगी आदित्यनाथ पर केस चलाने की इजाजत देने की बात कही गई थी।
इस मामले याचिकाकर्ता का कहना है कि वह इस मामले में हाईकोर्ट में केस करेंगे और वहां बात नहीं बनेगी तो वह इस केस को आगे भी ले जाएंगी। उनका तर्क है कि इस मामले में योगी आदित्यनाथ के वॉइस सैंपल तक नहीं लिए गए। इस लिए बिना जांच के इस प्रकार छूट नहीं दी जा सकती।
गौरतलब है कि जस्टिस रमेश सिन्हा और उमेश चन्द्र श्रीवास्तव की बेंच ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को गुरुवार को अदालत में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने को कहा था और वे दस्तावेज मांगे थे, जिनमें उन व्यक्तियों का नाम है जिनके खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलाया जाना है। अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ये आदेश परवेज परवाज नाम के शख्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान दी थी। 2007 गोरखपुर दंगों के मामले में गोरखपुर के कैंट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, इस मामले का गवाह असद हयात भी इस मामले में याचिकाकर्ता है। इससे पहले अदालत ने इस मुकदमे में सीएम योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा चलाने की अनुमति ना देने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई थी।