उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हाल ही में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी एवं आठ लाभार्थियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।मामले के मुताबिक गत 25 जनवरी को मनियर इंटर कॉलेज में हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कई ऐसे लोगों की शादी करायी गयी जो पहले से ही शादीशुदा थे।
मनियर थाने के प्रभारी मंतोष सिंह ने बुधवार को बताया कि जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव की तहरीर पर मंगलवार की रात सहायक विकास अधिकारी सुनील कुमार यादव और आठ लाभार्थियों अर्चना, रंजना यादव, सुमन चौहान, प्रियंका, सोनम, पूजा, संजू और रमिता के विरुद्ध धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होंने दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने अपनी तहरीर में कहा है कि मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना के तहत मनियर इंटर कॉलेज में गत 25 जनवरी को सामूहिक विवाह सम्पन्न होने के बाद फर्जी वर—वधुओं के विवाह होने का मामला सामने आने पर मुख्य विकास अधिकारी ने 29 जनवरी को मामले की जांच के आदेश दिये थे।
सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी, जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी की एक समिति गठित की गई थी। उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि मानिकापुर गांव की अर्चना की शादी जून 2023 को ही हो चुकी थी। इसके अलावा रंजना यादव और सुमन चौहान की शादी मार्च 2023 में, प्रियंका की शादी नवम्बर 2023 में, पूजा की शादी एक वर्ष पहले, संजू की शादी तीन वर्ष पहले और रमिता की शादी जुलाई 2023 में ही हो चुकी थी। इसके अलावा सोनम का विवाह अभी तय नहीं है। ये सभी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत पात्र नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि अपात्र आवेदकों ने वास्तविक तथ्यों को छुपाते हुए योजना के तहत अवैध रूप से लाभ पाने के लिए आवेदन किया था। समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी सुनील कुमार यादव ने उन आवेदनों की जांच में लापरवाही की जिससे यह फर्जीवाड़ा हुआ। सिंह ने बताया कि पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है।