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2014 के पहले दिल्ली की परिक्रमा करते थे राज्य, नहीं होती थी सुनवाई: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख...
2014 के पहले दिल्ली की परिक्रमा करते थे राज्य, नहीं होती थी सुनवाई: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के साथ उत्तर प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं को और अधिक जनोपयोगी बनाने के उद्देश्य से केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उत्तर प्रदेश में संचालित 'ई-रूपी वाउचर, ई-कवच, केयर और यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल मॉडल की और विभागीय अधिकारियों को प्रेजेंटेशन देने दिल्ली आमंत्रित किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारत सरकार की टीम के उत्तर प्रदेश आगमन पर अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2014 के पहले राज्यों के अधिकारी दिल्ली की परिक्रमा किया करते थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती थी, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री स्वयं राज्यों में भ्रमण कर उनकी आशा अपेक्षा और आवश्यकता जान रहे हैं और उसी अनुरूप निर्णय ले रहे हैं। यह संवैधानिक व्यवस्थाओं के पालन का बेहतरीन उदाहरण है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी के विजन के प्रति उत्तर प्रदेश की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा हम सभी का एक ही लक्ष्य है कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को सम्पूर्ण आरोग्यता प्राप्त हो। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने इस दिशा में अनेक प्रयास किये हैं। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 40 वर्षों में 50 हजार से ज्यादा बच्चे इस बीमारी के कारण असमय काल कवलित हो गए। आज एईएस के रोग मृत्यु दर में 95% की कमी आ चुकी है, जबकि जेई के रोगियों की मृत्यु 96% तक कम हुई है। आशा बहनों और एएनएम के सहयोग से हमने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने का कार्य किया। स्वच्छ भारत मिशन तथा बेहतर सर्विलांस के माध्यम से प्रदेश इस बीमारी को नियंत्रित कर चुका है। यह बीमारी शीघ्र ही प्रदेश से समाप्त हो जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के लिए उत्तर प्रदेश प्रतिबद्ध है। प्रत्येक माह की 15 तारीख को टीबी, कालाजार, फाइलेरिया, कुष्ठ रोग के लिए सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर में 'एकीकृत निक्षय दिवस' मनाया जा रहा है। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर से टीबी जांच केंद्रों तक सैंपल ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था है। वर्तमान में 23422 निक्षय मित्रों के माध्यम से 264345 क्षय रोगियों को कार्यक्रम में लिंक किया गया है। यह गौरव की बात है कि उत्तर प्रदेश के उदाहरण को पूरे देश में लागू किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 16 असेवित जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए राज्य सरकार ने पीपीपी मोड की नीति अपनाई है। इसके तहत शामली, मऊ, महराजगंज और संभल में कार्य प्रारंभ हो चुका है। जबकि बागपत, मैनपुरी, कासगंज, महोबा, हमीरपुर और हाथरस के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। सभी जगह शीघ्र ही कार्य प्रारंभ होंगे। बैठक में मुख्यमंत्री जी ने राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आयुष्मान योजना से सम्बद्ध अस्पतालों का भुगतान वर्तमान में 30 दिवस के भीतर किया जा रहा है। इसे अधिकतम 15 दिन में कर दिया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री डा. मनसुख ने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत अब तक एसईसीसी डेटा के अनुसार लाभार्थी चिन्हित करने की बाध्यता के कारण कतिपय समस्या आ रही थी। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सत्यापित कर उपलब्ध कराये गए डेटा के आधार पर भी लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा। राज्य सरकार जिन परिवारों को सत्यापित कर डेटा उपलब्ध कराएगी, सभी को आयुष्मान भारत कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
'ई-कवच' के प्रयास को अभिनव बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्क फ्लो आधारित एवं समुदाय स्तर पर संचालित कॉम्प्रीहेन्सिव प्राइमरी हेल्थ केयर एप्लीकेशन 'ई-कवच' एक शानदार प्रयास है। इसके अंतर्गत सभी परिवार के सदस्यों का डिजिटल स्वास्थ्य सर्वेक्षण करते हुए मास्टर डाटाबेस संकलित हो रहा है। प्रदेश में अब तक 04 करोड़ से अधिक परिवारों के अन्तर्गत 17 करोड़ से अधिक सदस्यों को पंजीकृत किया गया है। इससे अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु रियल टाइम डाटा उपलब्ध हुआ है। ई- कवच से नियमित टीकाकरण स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रभावी मानीटरिंग संभव हो रही है। इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क अल्ट्रासाउण्ड के लिए ई-रूपी वाउचर का उपयोग किया जाना अनुकरणीय और प्रेरक है। यह पूरे देश के लिए एक मॉडल है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार आगामी सितंबर माह से 'आयुष्मान भव:' अभियान प्रारंभ कर रही है। इसके तहत 'आपके द्वार आयुष्मान 3.0' कार्यक्रम होगा। इसके तहत, घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाये जाएंगे। गांवों, नगरों और स्कूलों में 'आयुष्मान सभा' के आयोजन होंगे। इस प्रकार जो गांव पूरी तरह संतृप्त हो जाएगा, उसे 'आयुष्मान ग्राम' घोषित किया जाएगा।

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