उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में एक सत्संग में हुई भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को हाथरस में संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। उन्होंने घटना में साजिश की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘यह हादसा था या कोई साजिश और अगर साजिश थी तो इसमें किसका हाथ है…इन सभी पहलुओं को जानने के लिए हम न्यायिक जांच भी कराएंगे जो उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में की जाएगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसमें प्रशासन और पुलिस के सेवानिवृत अधिकारियों को रखकर घटना की तह में जाएंगे और जो भी इसके लिए दोषी होगा उन सभी को सजा दी जाएगी।’’
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी ताकि भविष्य में होने वाले इस तरह के किसी भी बड़े आयोजन में उसे लागू किया जा सके। इन सभी चीजों को सुनिश्चित किया जाएगा।’’
योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के हादसे पर कहा, "...इस कार्यक्रम में जो सज्जन अपना उपदेश देने आए थे उनकी कथा संपन्न होने के बाद, उनके मंच से उतरने के पर, उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल आगे बढ़ा तभी उनके पीछे एक भीड़ गई। इसी दौरान वे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते गए। सेवादार भी लोगों को धक्का देते रहे जिसके कारण यह हादसा हुआ... इस पूरी घटनाक्रम के लिए ADG आगरा की अध्यक्षता में एक SIT गठित की गई है जिसने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। कई पहलू हैं जिनपर जांच होना आवश्यक है..."।
योगी आदित्यनाथ ने हाथरस भगदड़ पर कहा, "कुछ लोगों की प्रवृति होती है कि इस प्रकार की दुखद घटनाओं पर वे राजनीति ढूंढते हैं। ऐसे लोगों की फितरत है, चोरी भी और सीना जोरी भी। यह हर व्यक्ति जानता है कि उन सज्जन की फोटो किसके साथ है और उनके राजनीतिक संबंध किनके साथ जुड़े हुए हैं। आपने देखा होगा कि पिछले दिनों रैलियों के दौरान इस प्रकार की भगदड़ कहां मचती थी और कौन इसके पीछे था..."।
हाथरस के सिकंदरराऊ इलाके के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से लोकप्रिय ‘भोले बाबा’ के सत्संग में लाखों अनुयायी पहुंचे थे। इस दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी।