उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 13 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए ‘ड्रिल’ करने में इस्तेमाल की जा रही ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में फंस गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को यह जानकारी दी। धामी ने संवाददाताओं को बताया कि ब्लेड के एक हिस्से को काट दिया गया है और शेष काम पूरा करने के लिए हैदराबाद से एक प्लाज्मा कटर हवाई मार्ग से लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री बचाव अभियान में आई नई बाधा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दे रहे थे।
इस बीच अभियान शनिवार को 13वें दिन में प्रवेश कर गया। अब मैनुअल ड्रिलिंग का सहारा लिया जाने का निर्णय बचाव दल ने लिया है। अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने एक बड़ा बयान जारी कर बताया है कि क्रिसमस तक सभी श्रमिक बाहर आ रहे हैं। उन्होंने सभी श्रमिकों के सुरक्षित रहने की उम्मीद जताई।
सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान पर अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने कहा, "हम कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, लेकिन प्रत्येक विकल्प के साथ, हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि हम यह कैसे सुनिश्चित करें कि 41 आदमी सुरक्षित घर आ जाएं और हमें कोई नुकसान न हो कोई भी। पहाड़ ने फिर से बरमा का विरोध किया है, इसलिए हम अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार कर रहे हैं...मुझे विश्वास है कि 41 लोग क्रिसमस तक घर आ रहे हैं। मैंने हमेशा वादा किया है कि श्रमिक क्रिसमस तक घर आ जाएंगे।"
अर्नोल्ड डिक्स ने बताया, "इसके कई तरीके हैं। यह सिर्फ एक ही रास्ता नहीं है। फिलहाल, सब कुछ ठीक है। अब आप ऑगरिंग नहीं देख पाएंगे। ऑगर खत्म हो गया है। बरमा (मशीन) टूट गया है। यह अपूरणीय है। यह बाधित है। ऑगर से अब कोई काम नहीं होगा। ऑगर से अब और ड्रिलिंग नहीं होगी। कोई नया ऑगर नहीं होगा।"