महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठी भाषा के नाम पर हिंसा को लेकर सख्त रुख अपनाया है। मुंबई के पास मीरा रोड में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के कार्यकर्ताओं द्वारा एक दुकानदार पर हमले की घटना के बाद फडणवीस ने स्पष्ट किया कि मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है, लेकिन इसके नाम पर गुंडागर्दी और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और कार्रवाई शुरू कर दी है। भविष्य में यदि कोई भाषा के आधार पर विवाद पैदा करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।”
यह घटना रविवार को हुई, जब 48 वर्षीय दुकानदार बabulal Chaudhary, जो ‘जोधपुर स्वीट शॉप’ चलाते हैं, पर एमएनएस कार्यकर्ताओं ने हमला किया। दुकानदार के कर्मचारी ने हिंदी में जवाब दिया, जिस पर एमएनएस कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई और मराठी बोलने की मांग की। जब चौधरी ने कहा कि महाराष्ट्र में सभी भाषाएं बोली जाती हैं, तो कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया और इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
फडणवीस ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, “मराठी हमारी गर्व की भाषा है, लेकिन किसी भी भारतीय भाषा के साथ अन्याय नहीं हो सकता। कुछ लोग अंग्रेजी को अपनाते हैं, लेकिन हिंदी पर विवाद खड़ा करते हैं। यह कैसी मानसिकता है?” उन्होंने चेतावनी दी कि कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
पुलिस ने सात एमएनएस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, लेकिन बेलेबल ऑफेंस होने के कारण उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता के तहत “स्वेच्छा से चोट पहुंचाने” जैसे आरोप लगाए गए हैं, जिनमें अधिकतम एक साल की सजा या जुर्माना हो सकता है।
इस घटना ने महाराष्ट्र में भाषाई तनाव को फिर से उजागर किया है। हाल ही में तीन-भाषा नीति को वापस लेने के बाद एमएनएस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे हिंदी थोपने की कोशिश बताया था। फडणवीस ने कहा कि मराठी का सम्मान सर्वोपरि है, लेकिन हिंसा का कोई स्थान नहीं।
उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने और भाषाई विविधता का सम्मान करने की अपील की। यह घटना सामाजिक सौहार्द के लिए एक चुनौती बन रही है, और सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया है।