भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सीमा तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने पहली बार ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का युद्ध में इस्तेमाल किया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम के इस मिशन में भारत ने पाकिस्तान के अंदर कई रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और नूर खान एयरबेस जैसे अहम सैन्य प्रतिष्ठान शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हमलों में जैश के टॉप कमांडर अब्दुल रऊफ अज़हर के मारे जाने की भी खबर है।
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस की साझा परियोजना है, जिसे दुनिया की सबसे तेज़ क्रूज़ मिसाइलों में गिना जाता है। इसकी रफ्तार 2.8 मैक (यानी लगभग 3430 किमी/घंटा) है और यह 290 से लेकर 800 किलोमीटर तक के लक्ष्य को सटीकता से भेद सकती है। ब्रह्मोस की ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक और लो-लेवल फ्लाइट प्रोफाइल इसे दुश्मन की रडार पकड़ से बचने में सक्षम बनाते हैं, जिससे यह सटीक और घातक हमला करने में सफल रहती है।
पाकिस्तान ने इन हमलों को “कायरता” करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। हालांकि भारत की ओर से इन हमलों पर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रह्मोस का यह पहला युद्ध प्रयोग भारतीय सैन्य नीति में एक नया मोड़ दर्शाता है।
इस कदम से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई को लेकर पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक रुख अपनाने को तैयार है। साथ ही इस कदम ने वैश्विक मंच पर क्षेत्रीय स्थिरता और परमाणु हथियारों की संभावना को लेकर चिंताओं को भी बढ़ा दिया है।