केरल की नर्स निमिषा प्रिया, जो यमन में हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रही हैं, उनकी फांसी को 16 जुलाई 2025 को यमनी अधिकारियों ने आखिरी समय में टाल दिया। निमिषा पर अपने यमनी व्यवसायी साथी तलाल अब्दो महदी की 2017 में हत्या का आरोप है। तलाल के परिवार ने बीबीसी अरबी को दिए बयान में कहा, "हमें किसास (प्रतिशोध में सजा) चाहिए, इसके अलावा कुछ नहीं।" उनके भाई अब्देलफतह महदी ने कहा कि वे निमिषा को माफ करने को तैयार नहीं हैं और शरिया कानून के तहत मौत की सजा पर अड़े हैं।
निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने पिछले साल यमन जाकर तलाल के परिवार से माफी मांगने और 'दियत' (रक्त धन) के तौर पर 8.9 करोड़ रुपये की पेशकश की थी, लेकिन परिवार ने इसे ठुकरा दिया। भारत के ग्रैंड मुफ्ती शेख कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने यमनी विद्वानों से बात कर फांसी को टालने में मदद की। निमिषा के पति टॉमी थॉमस ने कहा, "हम खुश हैं और माफी के लिए कोशिश जारी रखेंगे।"
निमिषा ने दावा किया था कि तलाल ने उनके साथ शारीरिक और आर्थिक शोषण किया, उनका पासपोर्ट छीना और खुद को उनका पति बताकर जाली दस्तावेज बनाए। 2017 में निमिषा ने तलाल को बेहोश करने के लिए दवा दी, लेकिन अधिक मात्रा के कारण उनकी मौत हो गई। 2018 में यमनी अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई, जिसे 2023 में सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने बरकरार रखा।
भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने यमनी अधिकारियों और जेल प्रशासन से बात कर समय बढ़वाया, ताकि निमिषा का परिवार तलाल के परिवार से समझौता कर सके। सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम बास्करन, जो 'Save Nimisha Priya International Action Council' से जुड़े हैं, ने कहा कि माफी ही निमिषा की जान बचा सकती है। यमन में हूती नियंत्रण के कारण भारत का प्रभाव सीमित है, लेकिन कोशिशें जारी हैं