कई बार हमारे खान-पान में असंतुलन की वजह शरीर में टॉक्सिक तत्व भी बनने लगते हैं, जिन्हें बाहर निकालना भी बेहद जरूरी है। यूं तो शरीर का अपना तरीका है इन तत्वों को बाहर निकालने का और यह लीवर और किडनी के रास्ते अपने आप बाहर कर दिए जाते हैं। मगर कई बार इसके लिए डिटॉक्सिफाइ करना पड़ता है।
खीरा
इनमें मौजूद 95 प्रतिशत पानी पेशाब के माध्यम से खतरनाक केमिकल्स और एसिडिक पदार्थों को बाहर कर देता है। इसे सलाद के रूप में खाना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। बॉडी के लिए जरूरी पानी की कमी को ककड़ी खाकर काफी हद तक पूरा किया जा सकता है। पानी शरीर के आधे नुकसानदायक चीजों को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता है।
सूरजमुखी के बीज
सेलेनियम केमिकल और विटामिन-ई से भरपूर ये बीज लिवर के काम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं। ये शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बनने से भी रोकते हैं। इसमें मौजूद मैग्नीशियम दिल को हेल्दी रखने का काम करता है। यह ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाले केमिकल डोपामाइन डी-1 को भी कम करता है।
हरी धनिया
इसके एंटी फंगल, एंटी सेप्टिक तत्व नुकसानदायक तत्वों को सेल्स से दूर रखते हैं। साथ में लिवर की सफाई करने वाले एंजाइम्स को बढ़ाते हैं। इसकी पत्तियों को कच्चा चबाकर, खाने में डालकर या इसके बीजों को भी खाने से शरीर में मौजूद हानिकारक केमिकल्स को आसानी से दूर किया जा सकता है।
हरा प्याज
एंटी-ऑक्सीडेंट्स और सल्फर से भरपूर हरा प्याज शरीर से विषैले तत्वों को खत्म करने में मदद करने वाले एंजाइम्स को सक्रिय कर देती है। साथ ही, इसमें कैलोरी भी बहुत कम होती है, जिससे ये वजन को भी कंट्रोल करता है। हरी प्याज के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी कम रहता है। ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से बचने के लिए भी इसे खाना फायदेमंद रहेगा।
अखरोट
इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं। यह दिल को तो हेल्दी रखता ही है, साथ में डिटॉक्सिफिकेशन का काम भी बखूबी करता है। इसमें मौजूद कॉपर, मैग्नीशियम और बॉयोटीन कैंसर की बीमारी को दूर रखता है। इसे खाने से प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को कम किया जा सकता है। एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है। यह फ्री रैडिकल्स को दूर कर असमय आने वाले बुढ़ापे की समस्या को भी दूर करता है।