निष्कासित नेता द्वारा सार्वजनिक माफी जारी करने के कुछ घंटों बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के लिए काम करने का "एक और मौका" दिया। मायावती ने यह भी कहा कि जब तक वह स्वस्थ नहीं हो जातीं, तब तक वह किसी उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं करेंगी।
इससे पहले, एक्स पर एक पोस्ट में आनंद ने कहा कि वह उन्हें अपना "एकमात्र राजनीतिक गुरु और रोल मॉडल" मानते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने व्यक्तिगत संबंधों, खासकर ससुराल वालों को पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में बाधा नहीं बनने देंगे। आकाश ने एक्स पर हाल ही में किए गए एक पोस्ट के लिए भी माफी मांगी, जिसके कारण कथित तौर पर उन्हें बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, "मैं कुछ दिन पहले किए गए एक ट्वीट के लिए माफी मांगता हूं, जिसके कारण बहन जी ने मुझे पार्टी से निकाल दिया। मैं आश्वासन देता हूं कि मैं रिश्तेदारों या बाहरी सलाहकारों की सलाह के आधार पर कोई राजनीतिक निर्णय नहीं लूंगा।" कुछ ही घंटों के भीतर मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में घोषणा की कि उन्होंने पश्चाताप करने वाले भतीजे को पार्टी में एक और मौका देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, "आज एक्स पर आकाश आनंद की चार पोस्ट, सार्वजनिक रूप से अपनी गलतियों को स्वीकार करना और वरिष्ठों को पूरा सम्मान देना, अपने ससुर की बातों में न आना और अपना जीवन बसपा को समर्पित करने के मद्देनजर उन्हें एक और मौका देने का फैसला किया गया है।"
उन्होंने कहा, "वैसे, मैं अभी स्वस्थ हूं और जब तक स्वस्थ हूं, श्री कांशीराम जी की तरह पूरी लगन और निष्ठा से पार्टी और आंदोलन के लिए काम करती रहूंगी। ऐसे में उत्तराधिकारी की घोषणा का सवाल ही नहीं उठता। मैं अपने फैसले पर अडिग हूं और आगे भी अडिग रहूंगी।'' उन्होंने कहा, ''पार्टी से निकाले जाने के बाद आकाश लगातार लोगों से संपर्क कर अपनी सभी गलतियों के लिए माफी मांगने और भविष्य में ऐसी गलतियां न करने की अपील कर रहे हैं और आज उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी गलतियों को स्वीकार किया है और अपने ससुर की बातों में न आने का संकल्प जताया है।''
हालांकि मायावती ने कहा कि आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को उनके ''अक्षम्य'' कृत्यों के लिए पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा। ''... गुटबाजी आदि जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ उन्होंने आकाश का करियर बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए उन्हें माफ करने और पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता।"
मायावती ने 2 मार्च को आकाश को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था और उनकी जगह उनके पिता आनंद कुमार को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया था। तब निराश मायावती ने कहा था कि वह अपने जीवनकाल में उत्तराधिकारी का नाम नहीं बताएंगी। मायावती ने कहा, "पार्टी सर्वोच्च है और रिश्ते बाद में भी हो सकते हैं।"
उन्होंने पिछले साल आकाश को बर्खास्त कर दिया था, लेकिन बाद में उन्हें फिर से बहाल कर अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। 3 मार्च को उन्होंने आकाश को पार्टी से निकाल दिया। मायावती ने कहा कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई पर आकाश की प्रतिक्रिया "स्वार्थी और अहंकारी" थी। उस समय आकाश ने कहा था, "प्रतिद्वंद्वी पार्टी के कुछ लोग सोच रहे हैं कि मेरा राजनीतिक करियर खत्म हो गया है... उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन आंदोलन करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलितों, शोषितों, वंचितों और गरीबों के स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लड़ाई है।"