अनुसंधानकर्ताओं ने उन अध्ययनों की समीक्षा की जिनमें यह दर्शाया गया है कि बुजुर्ग व्यक्ति के दिमाग को वह धीमी मस्तिष्क तरंगें पैदा करने में समस्या होती है जिनसे गहरी नींद आती है।
कम नींद आना की शुरूआत 30 वर्ष की उम्र से
उन्होंने कहा कि युवावस्था में गहरी नींद लेने वाले व्यक्ति को अनियमित एवं असंतोषजनक नींद की शिकायत 30 साल की उम्र के बाद शुरू हो सकती है जिसके कारण उसे उम्र बढ़ने के साथ नींद संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
अमेरिका में यूनीवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (यूसी) बर्कले के ब्रायसे मांदेर ने कहा, दिमाग के जिन हिस्से में सबसे पहले समस्या होती है, वे वहीं हिस्से हैं जो गहरी नींद में मददगार होते हैं।
नींद की कमी का संबंध याददाश्त से भी
यूसी बर्कले के जोसेफ विनर ने कहा कि उम्र बढ़ने के साथ नींद में कमी का संबंध याददाश्त कम होने से भी जुड़ा है। यूसी बर्कले में प्रोफेसर मैथ्यू वाल्कर ने कहा, उम्र बढ़ने के साथ होने वाली लगभग सभी बीमारियों का संबंध कहीं न कहीं नींद की कमी से जुड़ा है। हमने जीवन काल बढ़ाने की दिशा में तो अच्छा काम किया है लेकिन स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में खराब प्रदर्शन रहा है।
नींद की कमी से झुर्रियां एवं बाल सफेद होने जैसी समस्याएां के अलावा अल्जाइमर रोग, मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियां भी जुड़ी हैं।
यह अध्ययन न्यूरॉन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
भाषा