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प्रयोगशाला परीक्षण में खरी निकली मैगी : नेस्ले

नेस्ले ने ट्वीट कर दावा किया है कि तीन लैबों में हुई जांच में मैगी में कोई भी हानिकारक तत्व नहीं पाया गया है।
प्रयोगशाला परीक्षण में खरी निकली मैगी : नेस्ले

सेहत के लिए खतरनाक बताकर प्रतिबंधित की गई मैगी की निर्माता नेस्ले इंडिया ने आज कहा कि प्रयोगशालाओं में भेजे गए मैगी ब्रांड इंस्टैंट नूडल्स के सभी नमूने जांच में सही पाए गए हैं। ये नमूने बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच के लिए तीन विनिर्दिष्ट प्रयोगशालाओं में भेजे गए थे। इन परीक्षणों में खरा उतरने के बाद अब मैगी की एक बार फिर से बाजार में वापसी का रास्ता खुल गया है। मैगी में सीसे की मात्रा कानून के तहत तय सीमा से अधिक पाए जाने के बाद देशभर में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। बंबई उच्च न्यायालय ने मैगी के नमूनों का नए सिरे से परीक्षण का निर्देश दिया था। कंपनी ने यह भी कहा कि अब वह नए उत्पादों का विनिर्माण और बिक्री तभी शुरू करेगी, जब उनको अधिकृत प्रयोगशालाओं की हरी झंडी मिल जाएगी।

 

नेस्ले इंडिया ने बयान में कहा, हमें बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद तीनों बताई गई प्रयोगशालाओं में किए गए परीक्षण के नतीजे मिल गए हैं। तीनों प्रयोगशालाओं ने छह प्रकार के उत्पादों के सभी 90 नमूनों को उपयुक्त करार दिया है। इन सभी नमूनों में सीसे की मात्रा अनुमति योग्य सीमा के अंदर पाई गई है। कंपनी ने पूर्व में कहा था कि उसकी योजना मैगी को इस साल के अंत तक बाजार में लाने की है। अब उसने कहा है कि वह मैगी नूडल्स को जल्द से जल्द बाजार में पेश करना चाहती है। गौरतलब है कि देश के कोने-कोने में खासकर बच्चों और युवाओं के बीच लोकप्रिय मैगी में तथाकथित रूप से अनुमति से अधिक मात्रा में सीसा और मोनोसोडियम ग्लूटामेट नामक हानिकारक तत्व मिलने के कारण सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी।   

 

 

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