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#MumbaiRains: मुंबई के साथ-साथ ‘सोशल मीडिया’ पर भी हुई तेज बारिश, जमके ‘बरसे’ लोग

एक व्यक्ति ने ट्वीट किया, “गणेश की मूर्ति के विसर्जन के लिए समुद्र की जरूरत नहीं है। किसी भी जगह मौजूद पानी में अब विसर्जन किया जा सकता है!
#MumbaiRains: मुंबई के साथ-साथ ‘सोशल मीडिया’ पर भी हुई तेज बारिश, जमके ‘बरसे’ लोग

बारिश के मौसम की तारीफ यूं तो हर कोई करता है लेकिन कभी-कभी आफत की फुहारें भी ये अपने साथ लेकर आता है। इन वजहों से बारिश को तारीफ की बजाय किरकिरी भी झेलनी पड़ती है। जहां बरसात में भीगकर कुछ वक्त तक इंज्वाय किया जाता है, वहीं ज्यादा बारिश डूबने पर मजबूर भी कर देती है। एक तरफ जहां बरसात में बहते पानी के ऊपर कदम रख कर ‘छप-छप’ करना सुकून देता है, दूसरी ओर सिवरेज, उफनती नालियां पूरी ‘किचकिच’ कर देती है। ...और जब ‘पानी सर के ऊपर से बह जाए’ तो व्यवस्था को ‘पानी-पानी’ हो जाना पड़ता है। यही हाल है मुंबई का।

मुबंई में बारिश ने ऐसी आफत मचाई है कि मत पूछिए। घर, बाहर, सड़क, परिवहन, बाजार, ऑफिस सब इससे प्रभावित हैं। इस बारिश ने सोशल मीडिया को भी नहीं छोड़ा है। आज ट्विटर पर #MumbaiRains टॉप ट्रेंड करने लगा हैं। इस दौरान लोग बीएमसी को भी निशाने पर ले रहे हैं। शायर जमाल एहसानी के शब्दों में कहें तो यूं-

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं

भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।

मुबंई के लोगों को इस दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ट्विटर पर लोगों की प्रतिक्रियाएं देखने लायक है।

तारोनिश एलाविया नाम के एक यूजर ने ट्वीट किया, “गणेश की मूर्ति के विसर्जन के लिए समुद्र की जरूरत नहीं है। किसी भी जगह मौजूद पानी में अब विसर्जन किया जा सकता है!”

 

राजा बाबू नाम के एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि @MumbaiRains  कुछ शादियों की तरह है जो जल्द ही रोमांटिक से विनाशकारी हो जाती  हैं।

वहीं कुछ लोगों ने बारिश से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो भी शेयर किए हैं। जिनमें बारिश से बेहाल हुई मुबंई की सूरत देखी जा सकती है।

सड़क पर बोट चलाता आदमी

 

केइएम अस्पताल का हाल...

बात पते की...

 

वहीं कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ट्वीट किया कि एक बार फिर साबित हुआ है कि शिवसेना द्वारा चलाई जा रही बीएमसी फेल हो गई है। हर जगह पानी भर गया है। मुंबई के लोगों को झटका लगा है। ड्रेनेज के लिए खर्च हुआ पैसे कहां गए?

ये सब देखने के बाद तो यही कहा जा सकता है कि बारिश की वजह से परेशानियां से दो-चार होना तो जरूर पड़ रहा है, लेकिन बारिश में भीगने के बाद लोगों की रचनात्मकता और खिल उठी है।

 

 

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