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भारत ने किया क्रूज मिसाइलों को भेदने वाले 'आकाश' का परीक्षण

अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा करते हुए भारत ने आज लड़ाकू विमानों और क्रूज मिसाइलों को हवा में भेदकर गिराने की क्षमता वाले 'आकाश' मिसाइल का परिक्षण किया। यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेश में विकसित है।
भारत ने किया क्रूज मिसाइलों को भेदने वाले 'आकाश' का परीक्षण

ओडीशा के बालेश्वर स्थित चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में गुरुवार को जमीन से हवा में प्रहार करने वाली आकाश मिसाइल का सफल परिक्षण किया गया। यह मिसाइल पूरी तरह से देश में विकसित है। इसके बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा,  25 किलोमीटर तक प्रहार करने और 60 किलोग्राम आयुध (वारहैड) ढोने की क्षमता रखने वाली आकाश मिसाइल का परीक्षण आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से गुरुवार के दिन 11 बजे से दो बजे तक किया गया। उन्होंने बताया कि वायु सेना के अधिकारियों ने पैरा-बैरल लक्ष्यों पर निशाना साधकर तीन दौर में मिसाइल का परीक्षण किया। 

 

परीक्षण में पैरा-बैरल लक्ष्य पर निशाना साधने वाली आकाश मिसाइल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (इसरो) द्वारा विकसित मध्यम स्तर की जमीन से हवा में प्रहार करने वाली विमान रोधी रक्षा प्रणाली है। इसे एकीकृत निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया है। यह मिसाइल रामजेट-रॉकेट संचालन प्रणाली से चालित है। आकाश मिसाइल 2.8 से 3.5 मैक की सुपरसोनिक गति से उड़ान भर सकती है और करीब 25 किलोमीटर तक की दूरी के हवाई लक्ष्यों को भेद सकती है। वायु सेना में औपचारिक रूप से जुलाई 2015 में इस मिसाइल को शामिल किया गया था। अमेरिकी एमआईएम-104 पैट्रियट मिसाइल की तुलना में आकाश में लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और हवा से सतह पर प्रहार करने वाली मिसाइलों को भेदकर गिराने की क्षमता है।

 

 

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