कांग्रेस ने रविवार को कहा कि भारत में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह में गिरावट देश में निवेश संबंधी बड़ी अनिश्चितता को दर्शाती है और बड़ी संख्या में कंपनियां विदेश में निवेश करना पसंद कर रही हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि हाल में जारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024-25 में भारत में शुद्ध एफडीआई प्रवाह अप्रत्याशित रूप से 96 प्रतिशत घटकर मात्र 0.4 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस भारी गिरावट को लेकर जो भी आधिकारिक सफाई दी जा रही हो, सच्चाई यह है कि यह भारत में निवेश को लेकर जबरदस्त अनिश्चितता को दर्शाता है -जिससे न केवल विदेशी निवेशक, बल्कि भारतीय कंपनियां भी हतोत्साहित हो रही हैं और अब देश में निवेश करने के बजाय विदेश में निवेश को प्राथमिकता दे रही हैं।’’
रमेश ने कहा, ‘‘इस नाटकीय गिरावट के असर को नजरअंदाज करना हमारे लिए भारी पड़ सकता है।’ ये आंकड़े आरबीआई के मासिक बुलेटिन के मई संस्करण के तहत जारी किए गए थे।
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि शुद्ध एफडीआई 2024-25 के दौरान एक साल पहले के 10.1 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 0.4 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।