गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए उन पर मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर और वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध करके "नीचे गिरने" का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद दंगे "राज्य प्रायोजित" थे।
शाह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में टीएमसी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया और कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में बनर्जी का कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा।
उन्होंने कहा, "मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता दीदी ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया। ऐसा करके वह इस देश की माताओं और बहनों का अपमान कर रही हैं। आपने सैन्य ऑपरेशन का विरोध नहीं किया है, आपने करोड़ों माताओं और बहनों के जीवन के साथ खेला है। मैं बंगाल की महिलाओं से अपील करने आया हूं कि वे आगामी (विधानसभा) चुनावों में ऑपरेशन सिंदूर का विरोध करने वालों को सिंदूर की कीमत समझाएं।"
बनर्जी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर ऑपरेशन सिंदूर (22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केंद्र की सैन्य प्रतिक्रिया) का राजनीतिक लाभ के लिए फायदा उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
शाह ने कहा, "2026 (विधानसभा चुनाव) में राज्य की माताएं और बहनें ऑपरेशन सिंदूर का विरोध करने के लिए सीएम और तृणमूल कांग्रेस को सबक सिखाएंगी।"
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि अप्रैल में मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में वरिष्ठ टीएमसी नेता शामिल थे, जो विवादास्पद वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की थी।
उन्होंने दावा किया, "जिस तरह से टीएमसी के एक मंत्री ने हिंसा भड़काई, उससे यह कहा जा सकता है कि मुर्शिदाबाद दंगे राज्य प्रायोजित थे।"
उन्होंने आरोप लगाया, "मुर्शिदाबाद दंगों के दौरान गृह मंत्रालय बीएसएफ की तैनाती पर जोर देता रहा, लेकिन टीएमसी सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया, ताकि हिंसा जारी रहे। अगर बीएसएफ के जवान तैनात किए गए होते, तो हिंदुओं की रक्षा होती। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बाद ही आखिरकार बीएसएफ को भेजा गया।"
अप्रैल में हुए दंगों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद शाह का यह पश्चिम बंगाल का पहला दौरा था।
बनर्जी के शासन में हालात को लेकर उन पर हमला तेज करते हुए शाह ने कहा, ''आज ममता दीदी ने बंगाल की इस महान भूमि को घुसपैठ, भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार, अपराध, बम विस्फोट और हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का केंद्र बना दिया है।''
राष्ट्रीय सुरक्षा प्रयासों में बाधा डालने के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ''ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति के लिए वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रही हैं।''
गृह मंत्री ने सत्तारूढ़ टीएमसी पर अवैध सीमा पार आवाजाही को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "बंगाल चुनाव न केवल राज्य का भविष्य तय करेगा, बल्कि यह देश की सुरक्षा से भी जुड़ा है। ममता बनर्जी ने बंगाल की सीमाएं बांग्लादेशियों के लिए खुली छोड़ दी हैं। उनके आशीर्वाद से घुसपैठ हो रही है। इसे केवल भाजपा सरकार ही रोक सकती है।"
घुसपैठ रोकने में बीएसएफ की अक्षमता की टीएमसी की आलोचना का जवाब देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने बीएसएफ को आवश्यक भूमि नहीं दी है।
उन्होंने दावा किया, "एक बार टीएमसी सरकार बीएसएफ को आवश्यक भूमि दे दे तो हम घुसपैठ रोक देंगे। लेकिन वह बीएसएफ को कभी जमीन नहीं देगी, क्योंकि पार्टी चाहती है कि घुसपैठ जारी रहे ताकि वह सत्ता में बनी रहे।"
शाह ने बनर्जी पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाने में विफल रहने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "पिछली सरकारों के दौरान, जिसमें ममता दीदी भी मंत्री थीं, आतंकी हमलों से सख्ती से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा पार आतंकी शिविरों को नष्ट करके आतंकी हमलों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। लेकिन, ममता दीदी को इससे परेशानी है।"
शाह ने कहा, "अपने वोट बैंक की खातिर ममता दीदी ने गिरकर सारी हदें पार कर दी हैं। कुछ दिन पहले पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमारे निर्दोष नागरिकों को उनके धर्म के बारे में पूछकर उनके परिवारों के सामने मार डाला। इन आतंकवादियों को दंडित करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के मुख्यालयों को नष्ट कर दिया गया। हालांकि, ममता दीदी को इन आतंकवादियों की मौत पर दुख हुआ। उन्होंने एक घटिया राजनीतिक बयान जारी करके ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया।"
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर जाकर आतंकवादी मुख्यालयों को निशाना बनाया।
शाह ने कहा, "कई आतंकवादी मारे गए, लेकिन इससे ममता जी को परेशानी हो रही है। ऐसा करके आप न केवल मिशन का विरोध कर रही हैं, बल्कि हमारे देश की महिलाओं की भावनाओं का भी अनादर कर रही हैं।"
पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, ''जब बंगाल के पर्यटक हमले में मारे गए, तो ममता दीदी चुप रहीं, लेकिन अब उन्हें ऑपरेशन सिंदूर से परेशानी हो रही है।''
गृह मंत्री ने शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर भी राज्य सरकार पर तीखा हमला किया और कहा, ''कोलकाता के बाजारों में युवाओं की नौकरियां बिक रही हैं। टीएमसी का इतना पैसा उनके नेताओं के घरों से जब्त किया गया है कि मशीनें भी नोट गिनते-गिनते थक गई हैं। अब यह बंद होना चाहिए।''
टीएमसी प्रमुख पर उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा: ''ममता बनर्जी वक्फ कानून का विरोध करती रहें, क्योंकि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद वह सत्ता में नहीं रहेंगी।''