ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की बहादुरी को उजागर करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है और जो कुछ भी हुआ वह सिर्फ एक "ट्रेलर" था।
भुज एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसेना के जवानों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, "हमने पाकिस्तान को प्रोबेशन पर रखा है। अगर उसका व्यवहार सुधरता है तो ठीक है, नहीं तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। जो कुछ भी हुआ वह तो बस ट्रेलर था। जब सही समय आएगा तो हम दुनिया को पूरी तस्वीर दिखाएंगे।"
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
सिंह ने कहा, "भुज 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का गवाह रहा है और आज फिर यह पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का गवाह बना है। मुझे यहां उपस्थित होकर गर्व महसूस हो रहा है।"
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपने जो कुछ भी किया, उससे सभी भारतीयों को गर्व हुआ है - चाहे वे भारत में हों या विदेश में। पाकिस्तान में पोषित आतंकवाद को कुचलने के लिए भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट ही काफी थे। कल ही मैंने श्रीनगर में हमारे बहादुर सैन्यकर्मियों से मुलाकात की थी। आज मैं यहां वायु सेना के जवानों से मिल रहा हूं। कल मैं उत्तरी क्षेत्र में हमारे जवानों से मिला था और आज मैं देश के पश्चिमी भाग में वायु सेना के जवानों और अन्य सुरक्षाकर्मियों से मिल रहा हूं। मैं दोनों मोर्चों पर उच्च जोश और ऊर्जा देखकर उत्साह महसूस कर रहा हूं। मुझे विश्वास है कि आप भारत की सीमाओं को सुरक्षित रखेंगे।"
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, "ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को पाकिस्तान ने भी स्वीकार कर लिया है। हमारे देश में एक पुरानी कहावत है, "दिन में तारे देखना।" मेड इन इंडिया ब्रह्मोस मिसाइल ने रात के अंधेरे में दिन का उजाला दिखाया। मेरे लिए ये कहना गलत नहीं होगा कि लोगों को नाश्ता करने में जितना समय लगता है, आपने उतना समय दुश्मनों से निपटने में लगा दिया। आपने दुश्मनों की धरती पर जाकर मिसाइलें गिराईं। इसकी गूंज सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे विश्व ने इसे सुना। वो गूंज सिर्फ मिसाइलों की नहीं थी, बल्कि आपकी और भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों की बहादुरी की भी थी।"
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।