भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार कल यानी बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करेगी। गौरतलब है कि सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त हंगामे के आसार हैं।
केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि विधेयक को कल प्रश्नकाल के बाद विचार एवं पारित करने के लिए पेश किया जाएगा और उसके बाद 8 घंटे की चर्चा होगी, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है।
इससे पहले किरेन रिजिजू ने कल पार्टी मुख्यालय में भाजपा प्रवक्ताओं को वक्फ संशोधन विधेयक पर जानकारी दी थी। बैठक के दौरान रिजिजू ने विधेयक का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया तथा मुस्लिम समुदाय के लिए इसके लाभों पर प्रकाश डाला।
रिजिजू ने कहा कि यह विधेयक धार्मिक संस्थाओं की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करता है और इसे उन लोगों को अधिकार देने के लिए बनाया गया है, जिन्हें पहले ये अधिकार नहीं थे। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ प्रबंधन में सुधार, पारदर्शिता और डिजिटलीकरण को बढ़ाना है।
संशोधन विधेयक की विपक्ष द्वारा कड़ी आलोचना की गई है, जिसने बार-बार इसे "असंवैधानिक" कहा है तथा भाजपा पर मुसलमानों के अधिकारों को "छीनने" का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26 और 29 का "गंभीर उल्लंघन" है।
ओवैसी ने कहा कि यह वक्फ बिल नहीं है, बल्कि यह "वक्फ बरबाद बिल" है। एआईएमआईएम प्रमुख ने एनडीए के सहयोगी दलों नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और जयंत चौधरी से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने के पीछे के कारणों पर सवाल उठाया।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपना कड़ा विरोध जताया और भारतीय जनता पार्टी पर नियंत्रण पाने के लिए हर चीज में "हस्तक्षेप" करने का आरोप लगाया।
यादव ने कहा, "हम वक्फ बोर्ड विधेयक के खिलाफ हैं क्योंकि भाजपा हर चीज में हस्तक्षेप करना चाहती है। वे हर जगह नियंत्रण चाहते हैं।"
यह विधेयक पिछले वर्ष अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, जिसके बाद आगे विचार-विमर्श के लिए जगदम्बिका पाल के नेतृत्व में एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया था।
इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके। संशोधन विधेयक का उद्देश्य भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना है। इसका उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और अधिनियम का नाम बदलने, वक्फ की परिभाषाओं को अद्यतन करने, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करने और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाने जैसे बदलाव करके वक्फ बोर्डों की दक्षता बढ़ाना है।
वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बनाए गए वक्फ अधिनियम 1995 की लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है।