सिर्फ चार साल की चंडीगढ़ की सान्वी अग्रवाल ने अपनी प्रतिभा और हुनर से चेस चैंपियनशिप में दूसरा स्थान हासिल कर सभी को गौरवान्वित किया है। सान्वी एशियाई चैंपियनशिप में भी अपना हुनर दिखाएंगी।
सान्वी का यह पहला राष्ट्रीय मेडल है। सेंट स्टीफन प्रिपरेटरी स्कूल की छात्रा एशियाई चैंपियनशिप के मुकाबले में भी अपना हुनर दिखाएंगी। 32वें राष्ट्रीय यू-7 ओपन की प्रतियोगिता में सान्वी अग्रवाल ने पहली बार में ही मेडल अपने नाम किया।
इस क्यूट शतरंज खिलाड़ी ने टूर्नामेंट में यू-5 श्रेणी में चार अंक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। पांच अंक के साथ शशिनि पूवी ने पहला स्थान हासिल किया। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान सान्वी ने कहा, मेरे माता-पिता ने मुझे शतरंज खेलना और कंप्यूटर पर प्रैक्टिस करना सिखाया। समय के साथ मैंने सारे लेवल सीखे।
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान सान्वी ने कहा, 'यह मेरा पहला राष्ट्रीय मेडल है और यह मेरे माता-पिता के लिए सबसे बड़ा गिफ्ट है। एशिया मेरा पसंदीदा महाद्वीप है और मुझे खुशी है कि मुझे एशियाई चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिला है। शतरंज में राजा और रानी मुझे बेहद पसंद हैं। यह मेडल मेरे दो महीने के भाई के लिए गिफ्ट है।'
गौरतलब है कि सान्वी व्यवसायी अशोक अग्रवाल और चार्टर्ड एकाउंटेंट दिव्या अग्रवाल की बेटी है, जिसने तीन साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था। दिव्या अपनी मां को घर पर शतरंज खेलते हुए देखती थीं। देख्ाते-देख्ाते ख्ाुद ख्ाेलने लगीं। दिव्या ने अंतर-कॉलेज प्रतियोगिताओं में एमसीएम डीएवी कॉलेज शतरंज टीम के लिए भ्ाी खेला। बेटी सान्वी ने पिछले साल ही पेशेवर कोचिंग शुरू कर दी थी।