भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दावा किया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता दिवाली पर पटाखे जलाने के कारण नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजधानी की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में आम आदमी पार्टी (आप) और अरविंद केजरीवाल की नाकामी के कारण खराब हुई है।
शुक्रवार को शास्त्री पार्क का दौरा करने वाले, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी उत्तराधिकारी आतिशी द्वारा दिवाली से पहले सड़कों की मरम्मत करने के वादे के बावजूद शहर में सैकड़ों सड़कें खस्ताहाल हैं।
गुप्ता ने कहा, ‘‘आप को राजनीति और दोषारोपण बंद कर देना चाहिए तथा धूल जैसे प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो दिल्ली में खतरनाक वायु गुणवत्ता के लिए अधिक जिम्मेदार हैं।’’
गुप्ता ने आरोप लगाया कि प्रदूषण में वृद्धि पटाखों के कारण हुई है, तथा इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर शहर की सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कर दी जाए और सफाई व्यवस्था में सुधार कर दिया जाए तो प्रदूषण में 50 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है।’’
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दावा किया कि पिछले चार दिनों के तुलनात्मक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के आंकड़ों से पता चलेगा कि पटाखों के कारण प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय स्रोतों और पराली जलाने से आगामी दिनों में इसमें वृद्धि होगी।
दिल्ली में शुक्रवार को धुंध की मोटी चादर छाई रही और राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 362 पर पहुंच गया। दिवाली के दौरान पटाखों पर पूरी दिल्ली में प्रतिबंध का लोगों ने जमकर उल्लंघन किया।
दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में इस साल सबसे प्रदूषित दिवाली दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को दिवाली पर दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 दर्ज किया गया, जबकि 2023 में यह 218 और 2022 में 312 था।
राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई शुक्रवार को सुबह नौ बजे 362 यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर एक्यूआई को ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है।