लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता और सांसद चिराग पासवान को अपनी हीं पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया है। सूरजभान सिंह को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी ने उन्हीं के खिलाफ खेला कर दिया है। ये पूरा सियासी बवाल मंगलवार को हुआ है। चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस के समर्थकों ने इसके लिए पार्टी के संविधान का इस्तेमाल किया है।
लोजपा के बागी गुटों ने बाहुबली नेता सूरजभान सिंह को नया कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर मुहर लगाई है। खबर ये भी है कि इससे पहले चिराग ने खुद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने अपनी मां और दिवंगत नेता राम विलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की शर्त रखी थी। अब उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के समर्थक नेताओं ने चिराग के साथ बड़ा दांव खेला है। वहीं, अगले पांच दिनों के अंदर नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने का ऐलान भी किया गया है। यानी की एक सप्ताह के भीतर बिहार की राजनीति में और लोजपा के भीतर बड़ा बवाल होने वाला है।
दरअसल, सूरजभान सिंह की गिनती बाहुबली में होती है। सिंह लोजपा के पुराने साथी हैं, लेकिन लंबे समय से चुनावी राजनीति से बाहर हैं। हालांकि, इस बीच वे पार्टी के लिए रणनीति बनाने में हमेशा अहम भूमिका अदा करते रहे हैं। 1965 को पटना जिले के मोकामा दियारा में सूरजभान सिंह का जन्म हुआ था। वे राम विलास के महत्वपूर्ण सहयोगियों में एक रहे हैं। वे फिलहाल लोजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। अब बागी गुट ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया है।
विवादों और अपराध से पुराना नाता
बिहार का बृज बिहारी कांड बड़ें अपराधिक मामलों में से एक माना जाता है। राबड़ी सरकार में मंत्री रहे बृज बिहारी सिंह को गोलियों से भून दिया गया था। मामले में पुलिस ने सूरजभान सिंह को मुख्य आरोपी बनाया था। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। जिसके बाद सूरजभान समेत अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। लेकिन, उसके बाद सूरजभान सिंह को बरी कर दिया गया था।