सूत्र बता रहे हैं कि समाजवादी जनता दल विलय करने वाले सभी दलों के लिए उपयुक्त नाम लग रहा है। जनता परिवार के एकजुट हो जाने के बाद राष्ट्रीय राजनीति में एक नया समीकरण दिखाई पड़ेगा।
एजेंसी की खबर के मुताबिक परिवार के छह दलों के विलय में अब कोई अड़चन नहीं है और जल्द ही इस बारे में घोषणा की जाएगी जिससे कि एकजुट होकर बिहार विधानसभा के चुनावों की तैयारी जोर शोर से शुरू की जा सके। छह दलों के बीच नयी पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर एक राय बन चुकी है।
जदयू के राष्टीय महासचिव के सी त्यागी ने पीटीआई-भाषा को बताया, विलय के बाद नयी पार्टी का नाम समाजवादी जनता दल या समाजवादी जनता पार्टी रखे जाने पर सहमति बन गयी है। विलय को लेकर अब कोई अड़चन नहीं बची है।
राजद के एक वरिष्ठ नेता ने अपने नाम का खुलासा नहीं करने के आग्रह पर बताया कि पुराने जनता परिवार के पूर्व में अंग रहे छह दल विलय के बाद समाजवादी जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह साईकिल को अपनाएंगे। उनके बीच एक राय यह भी बन गयी है कि नई पार्टी का झंडा लाल और हरा होगा।
राजद नेता ने कहा सभी घटक दल समाजवादी और जनता दो शब्दों को मिलाकर नए दल का नाम रखे जाने पर सहमत हो गये हैं। इस बारे में औपचारिक तौर पर घोषणा अगले कुछ दिनों में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव करेंगे।
आपस में विलय करने वाले जो छह दल हैं उनमें सपा के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू, लालू प्रसाद की पार्टी , ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोक दल, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा की जनता दल सेक्युलर और समाजवादी जनता पार्टी हैं।
जनता परिवार के इस विलय को पिछले लोकसभा चुनाव में भारी विजय हासिल कर मई वर्ष 2014 में केंद्र में सत्ता में आयी और उसके बाद दिल्ली को छोडकर महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने में सफल रही भाजपा के जीत के सिलसिले को रोकने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
त्यागी ने बताया कि विलय और उससे संबंधित मामलों की औपचारिक घोषणा मुलयाम सिंह यादव करेंगे जो कि इस मुहिम के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू और राजद के बीच सीटों के बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर त्यागी ने कहा कि उक्त चुनाव निश्चित रूप हमारा केंद्र बिंदु है पर पहले नए दल का गठन हो जाने दीजिए। हम अपनी पूरी ताकत के साथ बिहार पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और इसी कारण से हम चाहते हैं कि जल्द विलय हो जाए। सूत्रों ने बताया कि समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह और झंडा को अपनाने का निर्णय इस पार्टी के संसद में और उत्तर प्रदेश विधानसभा में छहों दलों में सबसे अधिक शक्तिशाली होने को ध्यान में रखकर लिया गया है। लोकसभा में समाजवादी पार्टी पांच एवं राज्यसभा में 15 सदस्य हैं तथा 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा में 232 सदस्योंं के साथ वह वहां सत्तारूढ़ है। वहीं राजद के लोकसभा में चार और राज्यसभा में एक सदस्य तथा जदयू के लोकसभा में दो और राज्यसभा में 12 सदस्य हैं। देवगौड़ा की पार्टी जद एस के लोकसभा में दो और राज्यसभा में एक सदस्य हैं जबकि आईएनएलडी के निचले सदन में दो और उच्च सदन में एक सदस्य हैं। इन दलों के विलय के बाद गठित नए दल के लोकसभा में 15 और राज्यसभा में 30 सदस्य होंगे।