बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) पार्टी के भीतर सब कुछ ऑल इज वेल होने का दम भर रहे हों। लेकिन, कई मोर्चों पर ऐसी तस्वीर राज्य की राजनीति और उनके कार्यालय से निकलकर सामने आ रही है, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि कलह अभी भी जारी है। और ये मनमुटाव आरसीपी सिंह, ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच है। क्योंकि, फिर से उपेंद्र कुशवाहा और पार्टी के नये-नवेले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए उपेंद्र कुशवाहा के बीच है।
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(ये तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है। इसकी पुष्टि आउटलुक नहीं करता है।)
जेडीयू के भीतर जारी कलह के पीछे ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच ठनी जंग को माना जा रहा है। दरअसल, जब पिछले महीने मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होना था तो कयास इस बात के लगाए जा रहे थे कि इस बार जेडीयू कोटे से दो को मंत्री बनाया जा सकता है। क्योंकि, पिछली बार जब मंत्रिमंडल में जेडीयू को सिर्फ एक सीट मिली थी तो सीएम नीतीश ने इससे इनकार करते हुए दूरी बना ली थी। लेकिन, इस बार आरसीपी सिंह पार्टी अध्यक्ष थे और उनके साथ-साथ ललन सिंह को मंत्री बनने की बात थी। लेकिन, सिर्फ आरसीपी सिंह ही मंत्री बन बैठे। जिसके बाद ललन सिंह और कुशवाहा दोनों के बगावती सुर सामने आए थे।
नीतीश ने कलह को पाटने के लिए आरसीपी सिंह को एक व्यक्ति एक पद के साथ ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। लेकिन, जिस तरह से आरसीपी सिंह और ललन-कुशवाहा के बीच जंग जारी है, उससे नीतीश की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। इससे इतर पिछले दिनों कुशवाहा को उनके कार्यकर्ताओं ने भावी मुख्यमंत्री बताते हुए पोस्टर को मुजफ्फरपुर में चस्पा कर दिया। इसे लेकर जेडीयू पार्टी जिला अध्यक्ष ने कहा कि ये गलत है। हालांकि, कुशवाहा ने अब तक ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है। वहीं, वो इस बात को कह चुके हैं कि नीतीश पीएम मैटेरियल है। हालांकि, नीतीश ने इस बयान से किनारा करते हुए कहा था कि उनकी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।