बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भले हीं 122 सीट के बहुमत से 12 सीट पीछे रह गई हो लेकिन तेजस्वी यादव की नई छवि ने राजनीतिक पंडितों की सोच को बदल दिया है। जिस तरह से चुनाव में राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है उसने पार्टी में नई जान डाल दी है। यही कारण है कि राज्य में एनडीए की अगुवाई में नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद भी पार्टी के प्रो. मनोज झा समेत कई कद्दावर नेता इस बात को अभी भी दोहरा रहे हैं कि राज्य की जनता ने जनादेश तेजस्वी को दिया है।
इस बात के आरोप तेजस्वी यादव पहले भी लगा चुके हैं कि जनता ने महागठबंधन के पक्ष में फैसला दिया लेकिन चुनाव आयोग ने नतीजा एनडीए के पक्ष में दिया। यानी अभी भी तेजस्वी ने हार नहीं मानी है। वो लगातार मतगणना में धांधली के आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग पर निशाना साध रहे हैं। दरअसल, कई ऐसी सीट पर एनडीए ने जीत दर्ज की है जहां वोटों का अंतर दहाई अंक में रहा।
इसको लेकर तेजस्वी यादव अपनी आगे की रणनीति पर काम कर रहे हैं। नीतीश के कई मंत्री विपक्ष के निशाने पर है। वहीं, पार्टी लगातार रोजगार और अन्य मुद्दे को जनता के बीच अभी भी उठाने से नहीं चूक रही है। मनोज झा ने हाल हीं दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि जिस तरह की उठापटक एनडीए में चल रही है और उनके विधायक असहज महसूस कर रहे हैं। ऐसे में 6 महीने से ज्यादा उनकी सरकार नहीं चलने वाली है।
चुनाव मतगणना में कथित धांधली को लेकर दो दर्जन से अधिक विधायकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मतगणना के दिन भी पार्टी के नेताओं ने रिटरनिंग ऑफिसर से पूरी डिटेल्स मांगी थी और चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी।
वहीं, राजद लगातार नीतीश के मंत्रियों पर कई सवाल खड़े कर रही है। शिक्षा मंत्री बने मेवालाल चौधरी इन दिनों सुर्खियों में हैं। दरअसल, उन पर प्रोफेसर नियुक्ति घोटाले में संलिप्तता के आरोप हैं। इसको लेकर भी राजद लगातार निशाना साध रही है। बुधवार को पार्टी ने एक स्थानीय अखबार के खबर को ट्वीट करते हुए लिखा, "भ्रष्टाचार के आरोपी और नीतीश कुमार के नवरत्न नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर उनकी पत्नी की संदेहास्पद मौत का भी आरोप है। जब मीडिया ने सवाल किया तो उनका पीए धमकाने लगा। एनडीए की गुंडागर्दी चालू है, महाजंगलराज के दिल्ली वाले महाराजा मौन है।"
16 नवंबर को राजद नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने बिहार के कई मुद्दों को जोरों से उठाते हुए नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, बिहार के प्रिय युवाओं, संविदा कर्मियों, नियोजित शिक्षकों, शिक्षा प्रेरकों, अतिथि अनुदेशक/शिक्षक, जीविका दीदी, आंगनवाडी सेविका/सहायिका ,रसोइया साथियों 'बदलाव' के आपके 'जनादेश' को 'शासनादेश' ने बदल दिया..आइये सड़क पर उतर कर एक-एक मुद्दे का हिसाब मांगें। राजद बिहार चुनाव परिणाम आने के बाद भी लगातार सक्रिय है और कई मुद्दे और मंत्रियों को लेकर जोर-शोर से सवाल उठा रही है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिली है। जबकि महागठबंधन के खाते में 110 सीटें आई है। 75 सीट के साथ आरजेडी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं, बीजेपी को 74 सीटें मिली है। जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें हीं मिल पाई जबकि इसने 115 सीटों पर किस्मत आजमां थे।