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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को तिरुपति में हुई भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए: वाईएसआरसीपी

वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष बी करुणाकर रेड्डी...
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को तिरुपति में हुई भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए: वाईएसआरसीपी

वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष बी करुणाकर रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को तिरुपति में हुई भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाली टीटीडी को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया और घटना की तत्काल जांच की मांग की।

तिरुमला पर्वतीय क्षेत्र में स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार रात वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट लेने के दौरान मची भगदड़ में कम से कम छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए सैकड़ों लोग टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे।

करुणाकर रेड्डी ने कहा, ‘‘ ईओ (कार्यकारी अधिकारी), एसपी (पुलिस अधीक्षक) और उनके अधीनस्थों के अलावा टीटीडी की सतर्कता शाखा को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।’’

उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये और घायलों को 20-20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी मांग की।

टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष के अनुसार, यह घटना प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई, जो ‘‘ भगवान वेंकटेश्वर की बजाय चंद्रबाबू नायडू की सेवा का अधिक इच्छुक है।’’

उन्होंने 2014 से 2019 के बीच पूर्ववर्ती तेदेपा शासन के दौरान राजमुंदरी में गोदावरी नदी के तट पर हुई भगदड़ की घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ चंद्रबाबू नायडू हमेशा प्रचार और आत्म-प्रशंसा को प्राथमिकता देते हैं और ऐसी घटना गोदावरी पुष्करम के दौरान देखी गई थी जिसमें उनके प्रचार उन्माद के कारण 30 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।’’

आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) अध्यक्ष वाई एस शर्मिला ने टीटीडी को भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया और घटना की तत्काल जांच की मांग की।

इस बीच, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष कोलानुकोंडा शिवाजी ने टीटीडी के अध्यक्ष बी आर नायडू के तत्काल इस्तीफे की मांग की और मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग की। उन्होंने कहा की प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को टीटीडी में नौकरी दी जाए।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि साल के इस वक्त लाखों लोग मंदिर में आते हैं और उन्होंने दावा किया कि इसके लिए कोई पूर्व व्यवस्था नहीं की गई थी।

वामपंथी नेता के अनुसार, वैकुंठ एकादशी कोई नयी बात नहीं है और ऐसे भी उदाहरण हैं जब भक्तों के बीच धक्का-मुक्की हुई, लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं आई।

इस बीच, टीटीडी ने दावा किया कि कार्यक्रम के लिए योजना और सभी व्यवस्था सही ढंग से की गई थी ‘‘लेकिन एक डीएसपी द्वारा गेट खोले जाने’’ और आवश्यक सावधानी नहीं बरतने के कारण यह घटना हुई।

टीटीडी के ईओ जे श्यामला राव ने कहा, ‘‘जब तक विस्तृत जांच नहीं हो जाती तब तक पूरी बात सामने नहीं आएगी।’’

भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों में से 20 को अब तक छुट्टी दे दी गई है। उन्हें रुइया और एसवीआईएमएस (श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।

मरीजों का इलाज कर रहे एक चिकित्सक ने कहा कि दो लोगों की हड्डियों में फ्रैक्चर हुआ है, लेकिन उनकी हालत स्थिर है।

आंध्र प्रदेश सरकार के मंत्रियों के एक समूह ने मृतक श्रद्धालुओं के परिजनों से मुलाकात की। मंत्रियों में ए सत्य प्रसाद, वंगालापुडी अनिता, ए रामनारायण रेड्डी, एन रामनायडू, के पार्थसारथी और अन्य शामिल थे।

 

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