प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा से बीजू जनता दल सरकार की विदाई तय होने का दावा करते हुए सोमवार को कहा कि वह राज्य के ‘‘विनाश’’ से दुखी हैं। मोदी ने ढेंकनाल लोकसभा सीट के तहत आने वाले इलाके में यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य खनिज संसाधनों से समृद्ध है, इसके बावजूद यहां के लोग परेशान हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ओडिशा की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है? यह बीजद सरकार है जो कुछ भ्रष्ट लोगों के नियंत्रण में है। मुट्ठी भर भ्रष्ट लोगों ने मुख्यमंत्री कार्यालय और आवास पर कब्जा कर लिया है। बीजद के छोटे कार्यकर्ता अब करोड़पति बन गए हैं।’’ मोदी ने राज्य में सत्तारूढ़ बीजद पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने लोगों को खनिज संसाधनों के लाभ से वंचित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने 2014 में एक नई खनिज अन्वेषण नीति तैयार की थी जिसके तहत ओडिशा को अत्यधिक शुल्क मिल रहा है।’’ मोदी ने कहा कि ओडिशा को नवगठित जिला खनिज निधि (डीएमएफ) से 26,000 करोड़ रुपये दिए गए थे। उन्होंने कहा कि यह पैसा सड़कों, विद्यालयों और पेयजल पर खर्च किया जाना चाहिए था, लेकिन बीजद ने इसका दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि बीजद सरकार के हाथों में न तो ओडिशा के खनिज संसाधन और न ही सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित है।
मोदी ने पिछले छह साल से भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार (खजाने) की चाबियों के गायब रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर भी इस सरकार के हाथों में सुरक्षित नहीं है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द रहने वाला एक समूह इसके लिए जिम्मेदार है।’’ उन्होंने कहा कि ओडिशा की जनता जानना चाहती है कि बीजद ने रत्न भंडार की चाबियों पर न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट को क्यों दबाया? मोदी ने कहा, ‘‘मामले में बीजद की भूमिका संदिग्ध है। भाजपा सरकार 10 जून को सत्ता में आने के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी।’’