कर्नाटक में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी जद (एस) ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को बेंगलुरु से सात दिवसीय ‘मैसूर चलो’ मार्च शुरू किया।
भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) ने सिद्धरमैया पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में अवैध साइट आवंटन घोटाले में संलिप्तता का आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र और जद (एस) की युवा इकाई के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी ने ढोल की थाप के बीच बिगुल बजाकर मार्च की शुरुआत की।
इस अवसर पर कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने कहा कि कांग्रेस को मुख्यमंत्री को नोटिस जारी करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत पर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘नोटिस दिए जाने के बाद आप (सिद्धरमैया) कांपने लगे हैं। कोई केवल कल्पना कर सकता है कि जब मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने की अनुमति उनके (राज्यपाल) द्वारा दी जाएगी तो क्या होगा।’’
केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस दलित समुदायों के उत्थान की बात करती है, लेकिन एमयूडीए और वाल्मीकि निगम घोटाले में उन्होंने जो किया, उससे उनका दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। कार्यक्रम स्थल पर बैनर, बंदनवार और भाजपा-जद (एस) के झंडे लगाए गए थे।