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शाहीन बाग के आरोपों पर बीजेपी का AAP पर कटाक्ष, कहा- यह मुस्लिम वोटबैंक खोने का डर है

शाहीन बाग के धरने के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है। बीजेपी का कहना...
शाहीन बाग के आरोपों पर बीजेपी का AAP पर कटाक्ष, कहा- यह मुस्लिम वोटबैंक खोने का डर है

शाहीन बाग के धरने के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है। बीजेपी का कहना है कि असल में आम आदमी पार्टी के नेताओं को तकलीफ इस बात से है कि मुसलमान बीजेपी से जुड़ रहा है, जबकि आज तक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उनका वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती आईं थी। इसी वजह से अब वे बौखलाए हुए हैं।भाजपा ने कहा कि दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी मुसलमानों का साथ नहीं मिलने की संभावना के साथ "हैरान" है।

दरअसल, दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तब शुरू हुआ जब नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के केंद्र शाहीन बाग के कई मुस्लिम रविवार को भाजपा में शामिल हो गए।

आम आदमी पार्टी ने सोमवार को दावा किया कि पूरे शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन की पटकथा भाजपा ने लिखी थी। उन्होंने कहा कि इसके नेतृत्व ने दिल्ली चुनाव में चुनावी लाभ के लिए आंदोलनकारियों के प्रत्येक कदम को निर्देशित किया। आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने यह आरोप ऐसे समय मे लगाया है जब  नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध का केंद्र रहे शाहीन बाग इलाके से अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के कई सदस्य भाजपा में शामिल हो गए हैं।

बता दें कि रविवार को उलेमा काउंसिल ऑफ इंडिया के दिल्ली प्रदेश के सचिव शहजाद अली समेत शाहीन बाग इलाके के कई लोग बीजेपी में शामिल हुए थे। दावा किया गया था कि इनमें से ज्यादातर लोग किसी न किसी रूप में शाहीन बाग के आंदोलन से भी जुड़े रहे थे। सोमवार को जब आम आदमी पार्टी ने इसे लेकर बीजेपी पर सवाल उठाए, तो बीजेपी के नेताओं ने भी पलटवार करते हुए कहा कि यह दिखाता है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीजेपी में शामिल होने से आम आदमी पार्टी को कितना दर्द हो रहा है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी को 'वोटबैंक की राजनीति' के रूप में झटका लगा है, क्योंकि सीएए विरोध प्रदर्शन क्षेत्र के मुसलमान भाजपा के साथ जुड़ गए हैं।

गुप्ता ने कहा, "दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के दौरान हंगामा किया। उनकी पार्टी के पार्षद दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी हैं और अब उनकी पार्टी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि सीएए का विरोध हमारे द्वारा नियोजित था।" उन्होंने कहा, "वे हैरान हैं कि मुसलमान भाजपा में शामिल हो रहे हैं और इसलिए, उनकी वोटबैंक की राजनीति खतरे में है"।

इससे पहले आप के आरोपों पर दिल्ली बीजेपी के प्रमुख मनोज तिवारी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी धर्म, जाति, पंथ या वंश के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। तिवारी ने ट्वीट में कहा, "अब भ्रम साफ हो रहा है और मुस्लिम भाई-बहन भाजपा के साथ चलना चाहते हैं ... अरविंद केजरीवाल जी विभाजित करना बंद करें। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व करती है और धर्म, जाति, पंथ या वंश के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। "

 

गौरतलब है कि शाहीन बाग नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का केंद्र बन गया था क्योंकि ज्यादातर महिलाएं, कुछ बच्चों के साथ, तीन महीने से अधिक समय तक वहां विरोध में धरना दिया। कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए विरोध प्रदर्शन बंद किया गया था।

 

राष्ट्रीय राजधानी में आम चुनाव शहर में नए नागरिकता कानून को लेकर शाहीन बाग विरोध के बीच हुए। इस दौरान इस मुद्दा को चुनाव प्रचार के दौरान शीर्ष भाजपा नेतृत्व द्वारा जोरदार तरीके से उठाया गया था। भाजपा के राजनीतिक विरोधियों ने यह आरोप लगाया कि शाहीन बाग में महिलाओं द्वारा प्रदर्शन को लगातार उजागर करके मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए "विभाजनकारी" अभियान चलाया गया।

 

दिल्ली चुनावों में भाजपा जहां राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर प्रचार अभियान चला रही थी वहीं आप ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित किया था।

 

 

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