कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के खिलाफ बुधवार को निर्वाचन आयोग से शिकायत की और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दोनों नेताओं ने छत्तीसगढ़ में चुनावी सभा के दौरान समाज के कुछ वर्गों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की नीयत से बयान दिए जो आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है।
पार्टी ने आयोग से कुछ अन्य विषयों को लेकर भी शिकायत की तथा यह आग्रह किया कि वह इसका संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के अनुसार, पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों के संबंध में ज्ञापन सौंपें जिनमें विभिन्न मुद्दों पर आठ शिकायतें की गई हैं।
चुनावी सभा के दौरान मंच पर मौजूद ईश्वर साहू की ओर इशारा करते हुए शाह ने कहा था कि वोट बैंक और तुष्टिकरण के लिए भुवनेश्वर साहू की हत्या कर दी गयी। उन्होंने कहा था, ”हम भुवनेश्वर साहू के हत्यारे को सजा दिलाएंगे। हमने उनके पिता को टिकट दिया है।” कांग्रेस ने आयोग से की गई एक अन्य शिकायत में कहा कि 18 अक्टूबर को असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने अपने भाषण के दौरान प्रदेश सरकार के मंत्री मोहम्मद अकबर और धर्मांतरण को लेकर बयान दिए।
कांग्रेस ने ज्ञापन में ‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए लोक सेवकों और सैनिकों को दिए गए सरकारी आदेशों’ के खिलाफ शिकायत की है। उसका कहना है कि सरकार का यह कदम आदर्श आचार संहिता और केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 का उल्लंघन है।
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत से संबंधित एक कथित वीडियो को लेकर भी शिकायत की। उसका दावा है कि राजपूत ने कहा है कि उन मतदान केंद्रों के प्रभारियों को 25 लाख रुपये दिए जाएंगे जहां भाजपा के लिए सबसे अधिक वोट पड़ेंगे। उसने तेलंगाना राज्य में पुलिस अधिकारियों के गैरकानूनी तबादलों और पोस्टिंग के खिलाफ शिकायत की है। कांग्रेस ने कहा, ‘‘कांग्रेस उम्मीद करती है कि आयोग उपरोक्त शिकायतों का त्वरित और समयबद्ध तरीके से संज्ञान लेगा।’’