Advertisement

कांग्रेस ने सबसे अधिक बार संविधान में संशोधन किया, दलितों को गुमराह कर रही: भाजपा

दलितों और अन्य वंचित हिंदू समूहों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ...
कांग्रेस ने सबसे अधिक बार संविधान में संशोधन किया, दलितों को गुमराह कर रही: भाजपा

दलितों और अन्य वंचित हिंदू समूहों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ गुमराह करने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को दावा किया कांग्रेस और उसके सहयोगी दल मुसलमानों को धार्मिक आधार पर आरक्षण देने के लिए संविधान को बदलना चाहते हैं।

भाजपा सांसद बृजलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार दोहराया है कि भीमराव आंबेडकर द्वारा परिकल्पित संविधान को कोई भी बदल नहीं सकता है। अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते कहा कि यह कांग्रेस ही है जिसने सबसे अधिक बार संविधान में संशोधन किया और 1975 में आपातकाल लगाने के लिए इसके प्रावधानों को भी निलंबित कर दिया।

 बृजलाल ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल, खासकर दलितों को गुमराह करने के लिए यह विमर्श फैला रहे हैं कि भाजपा आरक्षण खत्म कर देगी। मौजूदा लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सत्ताधारी और विपक्षी गठबंधन इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। संसद द्वारा बाद में पारित तीन आपराधिक कानूनों की जांच करने वाली संसदीय समिति के अध्यक्ष बृजलाल ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की टिप्पणियों का हवाला देते हुए दावा किया कि प्रथम प्रधानमंत्री आरक्षण के समर्थक नहीं थे।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने तो तर्क दिया था कि यदि आवश्यक हो तो संविधान को बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस ही है जिसने संविधान का उल्लंघन करते हुए अविभाजित आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में धार्मिक आधार पर मुसलमानों को आरक्षण दिया। बृजलाल ने कहा कि केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा नियुक्त रंगनाथ मिश्रा आयोग ने दलितों के लिए आरक्षण के लाभों के लिए उन मुसलमानों को शामिल करने के पक्ष में बात की थी जो पहले अनुसूचित जाति में थे।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने का मोदी सरकार का निर्णय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सबसे फायदेमंद रहा जबकि कांग्रेस ने इसे हटाने की बात की है। बृजलाल ने कहा कि कांग्रेस हमेशा आरक्षण विरोधी और बी आर आंबेडकर के खिलाफ रही है। उन्होंने कहा कि दलितों का मानना है कि कांग्रेस सरकार उनके लिए आरक्षण में मुसलमानों को शामिल करेगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी तो उसने यह सुनिश्चित किया कि वंचित हिंदू समूहों को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एवं जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थानों में आरक्षण का लाभ नहीं मिले। बृजलाल ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी जैसे कांग्रेस के सहयोगी दलों ने दलितों के हितों का सबसे अधिक विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान एक लाख से अधिक अनुसूचित जाति के सरकारी कर्मचारियों को पदावनत कर दिया गया था।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad