दिल्ली की राजनीति में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले ने अरविंद केजरीवाल को मुश्किल में डाल दिया है। नई दिल्ली सीट पर उनका सामना दो बड़े सियासी परिवारों के वारिस—संदीप दीक्षित और प्रवेश वर्मा से है। इस चुनाव में न तो ‘आप’ की कोई बड़ी लहर है और न ही हवा, बल्कि एंटी-इंकंबेंसी का असर दिख रहा है। केजरीवाल ने इसे भांपते हुए कई चुनावी घोषणाएं और गारंटियां दीं, जिससे माहौल में कुछ बदलाव जरूर आया, लेकिन नई दिल्ली सीट की स्थिति अलग बनी हुई है।
अरविंद के प्रचार की कमान उनके परिजनों और रणनीतिकारों ने संभाल रखी है, क्योंकि उनका पूरा ध्यान अपनी सीट बचाने पर है। उनके विरोधियों ने भी अपनी राजनीतिक बिसात अच्छी तरह बिछाई है। हालांकि, अगर आम आदमी पार्टी बहुमत हासिल कर लेती है, तो भले ही केजरीवाल नई दिल्ली से चुनाव हार जाएं, वे फिर भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं। कोर्ट ने सिर्फ उन्हें ऑफिस जाने और फाइलों पर साइन करने से रोका था, इस्तीफा देने का निर्देश नहीं दिया। यानी, चुनावी परिणाम चाहे जो हों, अगर 'आप' सत्ता में आती है, तो केजरीवाल का सीएम बनना लगभग तय है।
इसके अलावा, आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जंगपुरा विधानसभा सीट से आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वे पिछले तीन चुनाव पटपड़गंज सीट से लड़ चुके हैं। हालांकि, मनीष सिसोदिया का कहना है कि सीट बदलने से नतीजों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। जंगपुरा में भाजपा ने तीन बार के विधायक और पूर्व कांग्रेस नेता तरविंदर सिंह मारवाह को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने पुराने दिग्गज फरहाद सूरी को मैदान में उतारा है।
गौरतलब है कि सिसोदिया इस सीट पर बड़े पैमाने पर बड़े पैमाने पर प्रचार करते नजर आए। लेकिन उनकी समस्या मौजूदा आप विधायक प्रवीण कुमार के खिलाफ सत्ता विरोधी भावना है। लोगों का मानना है कि विधायक प्रवीण ने चुनाव जीतने के बाद इस सीट पर वापस कभी नहीं आए हैं।
वहीं, दिल्ली की सीएम आतिशी की सीट भी मुश्किल नजर आ रही हैं। आप नेता और दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट से चुनाव लड़ रही हैं, जहां से उन्होंने 2020 में जीत दर्ज की थी। इस बार उनके सामने बीजेपी के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा चुनौती पेश कर रही हैं। आतिशी आप की प्रमुख रणनीतिकार रही हैं और इस चुनाव में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है।
बता दें कि दिल्ली में बुधवार सुबह 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान शुरू हो गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच मतदाताओं ने 8वीं विधानसभा के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चलेगा। नई दिल्ली और जंगपुरा में कड़ी टक्कर है। 70 सीटों वाली विधानसभा में 60 से अधिक सीटों पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) अपने पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों के आधार पर फिर से चुनाव लड़ना चाहती है।
राष्ट्रीय राजधानी की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 699 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। दिल्ली में 1,56,14,000 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 83,76,173 पुरुष, 72,36,560 महिलाएँ और 1,267 थर्ड-जेंडर मतदाता शामिल हैं। मतदाताओं में 18-19 वर्ष की आयु के 2,39,905 पहली बार मतदाता, 85 वर्ष या उससे अधिक आयु के 1,09,368 बुज़ुर्ग मतदाता और 79,885 विकलांग व्यक्ति भी शामिल हैं।