दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को लेकर जारी सस्पेंस खत्म हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना। पार्टी ने 27 साल बाद राजधानी में सत्ता में वापसी करते हुए 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटों पर जीत हासिल की।
रेखा गुप्ता के नाम की घोषणा बीजेपी के विधायक दल की बैठक में हुई, जिसमें पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद और ओम प्रकाश धनखड़ मौजूद थे। गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष और महासचिव रह चुकी हैं। उन्होंने बीजेपी महिला मोर्चा की महासचिव और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में भी काम किया है।
1992 में दौलत राम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाली रेखा गुप्ता 1996-97 में DUSU अध्यक्ष बनीं और छात्र मुद्दों को मजबूती से उठाया। 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं और पुस्तकालयों, पार्कों व स्विमिंग पूल जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के विकास पर काम किया। 2012 में दोबारा पार्षद बनने के बाद उन्होंने दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) के मेयर का पद संभाला और प्रशासनिक अनुभव अर्जित किया।
महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने "सुमेधा योजना" शुरू की, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा में मदद मिली। महिला कल्याण और बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में उन्होंने कई समाजसेवी पहल चलाईं। सार्वजनिक कल्याण में उनकी रुचि पारिवारिक संस्कारों से प्रभावित रही है।
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग (उत्तर-पश्चिम) सीट से 68,200 वोटों से जीत दर्ज की। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने महिला सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों पर प्राथमिकता से काम करने की बात कही। उनके नेतृत्व में दिल्ली में बीजेपी की नई सरकार किन नीतियों को लागू करेगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि गुप्ता का प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव राजधानी के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।